पीएचडी में अब नया कोर्स वर्क होगा लागू

नई व्यवस्था के तहत बढ़ाए गए हैं दो क्रेडिट कोर्स

पब्लिकेशन एथिक्स व पब्लिकेशन मिसकंडक्ट के बारे में बढ़ेगी जागरूकता

Meerut। यूजीसी ने पीएचडी के रिसर्चर के लिए नया पेपर कोर्स वर्क लागू किया है। इसके तहत सभी यूनिवर्सिटीज को साफ दिशा निर्देश भी दिए गए हैं। इस कोर्स के दौरान शोधार्थी को रिसर्च से जुड़ी कई अहम जानकारियां दी जाएंगी। साथ ही शोधार्थी को पीएचडी के दौरान नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाएगा। यही नहीं, रिसर्च को कैसे गुणवत्तापूर्ण बनाया जाए, इसकी भी जानकारी दी जाएगी। इसमें दो क्रेडिट कोर्स को बढ़ा दिया गया है। यूजीसी से मिले निर्देशों के बाद सीसीएसयू ने भी इसे अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है।

ये हुआ बदलाव

यूजीसी ने किए पीएचडी शोधार्थियों के लिए कई बदलाव

2 नए कोर्स की स्टडी पीएचडी में हो गई जरूरी

रजिस्ट्रेशन से पहले पब्लिकेशन एथिक्स और पब्लिकेशन मिस कंडक्ट होंगे अनिवार्य

आयोग ने हाल में ही हुई बैठक में खुलासा

यूजीसी का पत्र मिलते ही यूनिवर्सिटी ने किया लागू

9 अगस्त को यूजीसी ने बैठक के दौरान लिया गया था फैसला

नए सत्र से लागू की जाएगी यह व्यवस्था

3800 सीटें हैं पीएचडी की सीसीएसयू व संबद्धित कॉलेजों में

500 करीब पीएचडी की सीटें हैं सीसीएस यूनिवर्सिटी में

पब्लिकेशन एथिक्स व (पब्लिकेशन मिसकंडक्ट के बारे में बढ़ेगी जागरूकता

अभी ये है स्थिति

फिलहाल पीएचडी सिलेबस में अनुसंधान पद्धति (रिसर्च मेथोडोलॉजी) शामिल है। जिसमें मात्रात्मक तरीकों (क्वांटेटिव मैथड), कंप्यूटर अनुप्रयोगों (कंप्यूटर एप्लीकेशन) और प्रकाशित शोध की समीक्षा जैसे क्षेत्रों के कोर्स शामिल हैं।

क्रेडिट कोर्स का पैटर्न

इसमें कई कोर्स टाइटल है।

जानकारों के अनुसार आरपीई यानी रिसर्च एंड पब्लिकेशन एथिक्स, इस कोर्स में पब्लिकेशन एथिक्स और पब्लिकेशन मिसकंडक्ट की नॉलेज मिलेगी।

दोनों क्रेडिट कोर्स 30 घंटे का होगा।

कोर्स का कोड सीपीई-आरपीई रहेगा।

कोर्स की कुल छह यूनिट होंगी, जो कि बेसिक्स ऑफ फिलॉसिफी ऑफ साइंस एंड एथिक्स, रिसर्च इंटीग्रिटी, पब्लिकेशन एथिक्स पर फोकस रहेंगी।

नए सत्र में पीएचडी को लेकर कई बदलाव होने वाले है। यूजीसी के नए पैटर्न को अपनाते हुए बेहतर करने का प्रयास किया जाएगा।

प्रो। वाई विमला, प्रोवीसी, सीसीएसयू

Posted By: Inextlive