- मेडिकल कॉलेज को मिले 140 नॉन पीजी जेआर से कम होगा इलाज का बोझ

-सर्जरी और एनीस्थीसिया विभाग में बढ़े नॉन पीजी जेआर, कम होगी वेटिंग

KANPUR: जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में 140 नॉन पीजी जेआर बढ़ गए हैं। कॉलेज प्रशासन ने अब यह भी फाइनल कर दिया है कि किस डिपार्टमेंट में कितने नॉन पीजी जेआर रहेंगे। सबसे ज्यादा क्लीनिकल डिपार्टमेंट्स में नॉन पीजी जेआर बढ़ाए गए हैं। जिसका सीधा फायदा मरीजों को मिलेगा। साथ ही डॉक्टर्स पर मरीजों के इलाज का बोझ कम होगा। कॉलेज प्रशासन के मुताबिक इनकी नियुक्ति जल्द ही की जाएगी। नॉन पीजी जेआर की नियुक्ति के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के उन एमबीबीएस स्टूडेंट्स को प्राथमिकता मिलेगी जिनकी इंटर्नशिप पूरी हो चुकी है।

ऑपरेशन की वेटिंग होगी कम

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के अलग अस्पतालों में एक दर्जन से ज्यादा ऑपरेशन थिएटर हैं। इनमें रोज ऑपरेशन होते हैं। ऑपरेशन के दौरान मरीज को एनस्थीसिया देने के लिए एनस्थेसिस्ट की जरूरत होती है,लेकिन एनस्थीसिया विभाग में फैकल्टी के पीजी की मात्र 7 सीटें हैं। ऐसे में 21 जेआर होते हैं। इनमें से कई आईसीयू में रहते हैं। बाकी कई यूनिट के हिसाब से काम करते हैं। ऐसे में मरीजों की तादात के मुताबिक एनस्थीसिया के डॉक्टर्स की कमी काफी समय से महसूस की जा रही थी। कई बार ऑपरेशन भी टालने पड़ते थे। और ऑपरेशन के लिए वेटिंग भी काफी लंबी थी। अब इस विभाग को 16 नॉन पीजी जेआर मिले हैं। जिससे यह कमी काफी हद तक पूरी होने की उम्मीद है।

इमरजेंसी का बोझ होगा कम

हैलट इमरजेंसी में मरीजों का लोड काफी ज्यादा रहता है। 24 घंटे चलने वाली मेडिसिन, सर्जरी और आर्थोपेडिक विभागों में अलग अलग सीनियर फैकल्टी की यूनिट काम करती है। मौजूदा वक्त में भी इमरजेंसी में प्रतिदिन 120 से ज्यादा मरीज भर्ती हो रहे हैं। ऐसे में काम करने वाले जूनियर डॉक्टर्स पर काफी ज्यादा बोझ रहता है। मेडिसिन विभाग को 24 नॉन पीजी जेआर मिले हैं। जिससे क्लीनिकल यूनिटों पर मरीजों के ट्रीटमेंट का बोझ सीधे तौर पर कम होगा। इन नॉन पीजी जेआर को सरकार की तरफ से हर महीने 60 हजार रुपए बतौर सैलरी मिलेगी।

क्लीनिकल डिपार्टमेंट्स में अभी कितने जेआर

डिपार्टमेंट-जेआर-1,2,3 मिला कर-नान पीजी जेआर

एनीस्थीसिया- 21-16

ईएनटी-9-2

गायनी-30-16

मेडिसिन- 30-24

आर्थोपेडिक-18-16

पीडियाट्रिक-18-16

सर्जरी- 45-24

टीबी चेस्ट-15-6

रेडियोडायग्नोसिस- 6-4

रेडियोथेरेपी- 6-4

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'' शासन से 140 नॉन पीजी जेआर मिले हैं, इससे क्लीनिकल डिपार्टमेंट्स को काफी फायदा होगा। जूनियर डॉक्टर्स के काम का बोझ भी काफी हद तक कम होगा। नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.''

डॉ। नवनीत कुमार, प्रिंसिपल जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive