गर्मियों के दिन और उसपर प्‍याज की कीमत। तो क्‍या अब लू से बचने के लिए प्‍याज का इस्‍तेमाल करने से भी परहेज करना पड़ेगा। हालात तो कुछ यही बयां कर रहे हैं। खबर है कि दालों के बाद अब प्‍याज भी आपकी थाली से कम होने वाला है। दरअसल प्‍याज के होलसेल दाम जून में देशभर में काफी ज्‍यादा बढ़ गए हैं। अब ऐसे में अगर सरकार इसके बीच में दखल नहीं देती है तो जाहिर सी बात है कि अगस्‍त-सितंबर तक प्‍याज की कीमतों की स्थिति और भी ज्‍यादा खराब हो सकती है। फ‍िलहाल ट्रेड एक्सपर्ट्स तो कुछ इसी तरह की चिंता जाहिर कर रहे हैं। इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि राजस्थान और महाराष्ट्र से आने वाला लॉट इस बार बारिश की वजह से खराब हो गया है।


ऐसे बढ़े दाम जानकारी है कि महाराष्ट्र, राजस्थान व मध्य प्रदेश समेत मुंबई व दिल्ली जैसे सेंटर्स में प्याज का होलसेल दाम 16 रुपये किलो से 17 रुपये प्रति किलो तक पहले ही जा पहुंचा है। बता दें कि कीमत में इस तरह का उछाल जून के महीने में अब तक का रिकॉर्ड रहा है। वह भी, हद तो यह है कि यह तो सिर्फ सामान्य क्वालिटी वाले प्याज की कीमत है। इससे भी अच्छे बेस्ट क्वालिटी वाले प्याज की कीमत तो और भी ज्यादा है। बेस्ट क्वालिटी वाले प्याज की कीमत 22 रुपये से बढ़कर 24 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है। ये भी हो सकता है कारण
यहां ऐसा भी माना जा रहा है कि रमजान की महीने से पहले मिडल ईस्ट में भारतीय प्याज की बढ़ती मांग के कारण इसकी कीमत में यह उछाल आया है। यहां बता दें कि NCR समेत देश के अन्य मेट्रो शहरों में प्याज का रिटेल प्राइस 25 रुपये से 35 रुपये प्रति किलो के बीच चल रहा है। वहीं प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर आजादपुर APMC के प्याज के सबसे बड़े ट्रेडर्स का कहना है कि राजस्थान से आने वाला प्याज 10 रुपये से 15 रुपये किलो के बीच आजादपुर मंडी में बिक रहा है। वहीं महाराष्ट्र में प्याज की कीमत 20 रुपये से 24 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है। केंद्र व राज्य सरकार ने शुरू की कवायद प्याज की बढ़ती कीमत का कारण जहां बारिश बताया जाता है, वहीं कहा जा रहा है कि इसके बंपर उत्पादन के बावजूद मार्च व अप्रैल में बेमौसमी बारिश ने फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। इन बढ़ती कीमतों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने प्याज के लिए 500 करोड़ रुपये का प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड भी बनाया है। वहीं दूसरी ओर आगे स्थिति के और भी ज्यादा खराब होने से पहले दिल्ली की राज्य और केंद्र सरकार प्याज का भंडारण भी कर रही हैं। सूत्रों से मिली जानकारी पर गौर करें तो प्याज का मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) बढ़ाने के बाबत विचार-विमर्श करने को अगले हफ्ते एक बैठक का भी आयोजन किया जा सकता है। उसके बाद स्थिति और ज्यादा स्पष्ट हो सकेगी।Hindi News from Business News Desk

Posted By: Ruchi D Sharma