- रेलवे में अब मेडिकल पोर्टल पर जारी होगा फिटनेस सर्टिफिकेट

- इस पर वेरिफिकेशन के बाद ही मिलेगी मेडिकल और कैजुअल लीव

GORAKHPUR: रेलवे में बीमारी का बहाना बनाकर छुट्टी लेना आसान नहीं होगा। एंप्लाई को अगर सही में परेशानी होगी, तभी वह मेडिकल लीव ले पाएंगे। किसको क्या बीमारी है और उसे किस लेवल पर इलाज की दरकार है, इसकी इंफॉर्मेशन अब जिम्मेदारों को एक क्लिक में पता चल जाएगी। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आगे बढ़ रहे रेलवे ने इस संबंध में भी कवायद शुरू कर दी है। रेलवे के ललित नारायण मिश्र हॉस्पिटल में डिजिटल वर्क स्टार्ट भी हो चुका है, एचआरएमएस और एचआईएसएम के साथ ही रेलवे के सभी ऑफिसेज को ई-ऑफिस के लिए अपग्रेड किया जा रहा है, जिसे बाद में इंटरलिंक कर दिया जाएगा। जिसके बाद एंप्लाइज की हर जांच का ब्यौरा ऑनलाइन अवेलबल रहेगा और जिम्मेदार इसको देखकर ही उसकी अप्लीकेशन वेरिफाई कर सकेंगे।

छुट्टियों में नहीं होगी परेशानी

रेलवे एंप्लाई अगर जेनविनली बीमार है या प्रॉब्लम में है, तो वह हॉस्पिटल से ही अपनी अप्लीकेशन फॉरवर्ड कर सकेगा। इसे तत्काल वहां के डॉक्टर्स भी वेरिफाई कर देंगे, जिससे कि छुट्टी लेने में उन्हें किसी तरह की प्रॉब्लम फेस नहीं करनी होगी। वहीं डिजिटल व्यवस्था होने से एंप्लाई को अप्लीकेशन गायब होने का भी डर नहीं सताएगा। जैसे ही एंप्लाई अपनी यूनीक आईडी से लॉगइन करेगा, तो उसका सारा सर्विस रिकॉर्ड ऑनलाइन हो जाएगा। इसमें अगर उसे इलाज करना है, तो वह इसे पोर्टल पर अपडेट करेगा, जहां से यह सीधा जिम्मेदारों तक पहुंच जाएगा। जिससे संबंधित अथॉरिटी तत्काल अप्रूवल दे देगी और एंप्लाई को ज्यादा दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।

रिटायरमेंट में नहीं होगी दिक्कत

रेलवे एंप्लाई के रिटायरमेंट तक के सभी रिकॉर्ड संजोकर रखे जाते हैं। रिटायरमेंट तक भारी-भरकम फाइल बन जाती है। नई व्यवस्था शुरू होने के बाद रेलवे के जिम्मेदारों को इस बोझ से आजादी मिलेगी। वहीं रिटायरमेंट के दौरान एंप्लाई का अपडेटेड डाटा विभाग के पास होगा, जिसे एक क्लिक पर ही प्रिंट कर आगे की कार्रवाई की जा सकेगी। इतना ही नहीं अगर किसी एंप्लाई का ट्रांसफर हो जाता है, तो विभाग से फाइल न पहुंचने की वजह से कई बार सैलरी में भी पेंच फंस जाता है, लेकिन इस व्यवस्था से एंप्लाई के साथ ही उसका डाटा भी मिनटों में ट्रांसफर हो जाएगा और एक क्लिक पर दूसरे रेलवे के जिम्मेदार सारी इंफॉर्मेशन देख सकेंगे।

वर्जन

सभी प्रॉसेस डिजिटल की जा रही हैं। इससे एंप्लाई को परेशान नहीं होना पड़ेगा। वहीं ऑफिसर्स भी एंप्लाई के रिकॉर्ड वेरिफाई कर सकेंगे।

- पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे

Posted By: Inextlive