-नये एक्सपे्रस वे का सफर सुरक्षित बनाने की कवायद में जुटे

- एक्सपे्रस वे के समीप स्थापित होंगी पीएसी की तीन नई बटालियन

- 47 साल बाद पीएसी में दस नई बटालियन स्थापित करने पर मंथन शुरू

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LUCKNOW: राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना लखनऊ-आगरा एक्सपे्रस वे पर सुरक्षित सफर के लिए पीएसी की तीन बटालियन को स्थापित किए जाने की योजना पर डीजीपी मुख्यालय ने काम करना शुरू कर दिया है। नया एक्सप्रेस वे होने की वजह से इसके इर्द-गिर्द पीएसी की बटालियन की स्थापना करके रास्ते पर निगरानी रखी जाएगी। एक्सपे्रस वे पर पुलिस की गाडि़यों का मूवमेंट आम जनता को सुरक्षा का अहसास करायेगा। आने वाले तीन बरसों में डीजीपी मुख्यालय प्रदेश में पीएसी की दस बटालियन का इजाफा करने का रोडमैप तैयार कर रहा है।

फोर्स की कमी पर गया ध्यान

डीजीपी मुख्यालय के सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में पिछले ब्7 बरसों में पीएसी की कोई नयी बटालियन नहीं बनाई गयी है। प्रदेश में क्9फ्8 से क्9म्8 के बीच पीएसी की ब्क् बटालियन स्थापित हुई। उत्तराखंड के निर्माण के बाद इनमें से आठ बटालियन वहां ट्रांसफर हो चुकी हैं। बची हुई फ्फ् कंपनियों में से ज्यादातर महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा में तैनात हैं। यही वजह है कि साल में एक माह के लिए जरूरी प्रशिक्षण सत्र भी कोई बटालियन नहीं फॉलो करती है। वर्तमान में प्रदेश में जारी पंचायत चुनाव के दौरान फोर्स की कमी ने अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया है। डीजीपी जगमोहन यादव ने इसके लिए सैद्धांतिक सहमति प्रदान करते हुए प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। प्रदेश में पीएसी की दस बटालियन का इजाफा होने से कानून-व्यवस्था के मामलों में तत्परता के साथ कार्यवाही की जा सकेगी। प्रारंभिक तौर पर पहली तीन बटालियन लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर स्थापित किए जाने की तैयारी है। ये बटालियन मैनपुरी, कन्नौज व फिरोजाबाद में एक्सप्रेस वे के किनारे जमीन लेकर स्थापित किए जाने पर मंथन हो शुरू हो चुका है।

महंगी पड़ रही सेंट्रल फोर्सेज की तैनाती

प्रदेश में होने वाले मुख्य पर्वो, चुनाव, वीवीआईपी मूवमेंट, वीआईपी सिक्योरिटी के लिए सेंट्रल फोर्सेज की तैनाती घाटे का सौदा साबित हो रही है। हालिया पंचायत चुनाव के लिए गृह मंत्रालय द्वारा दी गयी ब्0 कंपनी सेंटल पैरा मिलेट्री फोर्स के लिए राज्य सरकार को करीब क्भ् करोड़ रूपये चुकाने पड़ रहे है। इसके अलावा रात के समय किसी जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब होने पर सेंट्रल फोर्सेज का मूवमेंट कराना टेढ़ी खीर साबित होता है। वहीं पीएसी की एक बटालियन को स्थापित करने में करीब ख्ख् करोड़ रूपये का कैपिटल एक्पेंडिचर होना है। इसे देखते हुए राज्य सरकार अपने संसाधनों को बढ़ाने की कवायद में जुट गयी है।

फेल हुई इंडिया रिजर्व बटालियन स्कीम

पीएसी की बढ़ती जरूरत को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार ने इंडिया रिजर्व बटालियन स्कीम की शुरूआत की थी लेकिन दुर्भाग्य से यह यूपी में फेल हो गयी। यूपी में दो इंडिया रिजर्व बटालियन की स्थापना मऊ और सोनभद्र में हुई थी। मऊ की बटालियन को नोएडा भेज दिया गया जबकि सोनभद्र की बटालियन नक्सलियों के मूवमेंट को देखते हुए वहीं पर डटी रहती है। दूसरी ओर केन्द्रीय बल होने की वजह से इसे दूसरे प्रदेशों में भी तैनात किए जाने की संभावना को देखते हुए राज्य सरकार ने इंडिया रिजर्व बटालियन स्कीम से किनारा कर लिया।

Posted By: Inextlive