-एम पासपोर्ट पुलिस एप के जरिए होगी फीडिंग, मिलेगी राहत

-ऑनलाइन वेरीफिकेशन के लिए पुलिस को मिलेंगे टैबलेट्स

GORAKHPUR: विदेश जाने के लिए पासपोर्ट का आवेदन करने वालों को पुलिस थानों का चक्कर लगाने के झंझट से जल्द राहत मिलेगी। घर बैठे पुलिस उनका वेरीफिकेशन करेगी। कागजी कार्रवाई में छह से सात दिनों तक होने वाली भागदौड़ के बजाय महज तीन दिनों के भीतर पुलिस रिपोर्ट लगा देगी। एम-पासपोर्ट पुलिस एप के जरिए पब्लिक को यह राहत मिलेगी। इसके लिए जल्द सभी पुलिस कर्मचारियों को ऑनलाइन पासपोर्ट वेरीफिकेशन ट्रेनिंग कराई जाएगी। जिले में पासपोर्ट के नोडल अफसर आदित्य प्रकाश वर्मा ने बताया कि लखनऊ से टेबलेट मिलने पर ट्रेनिंग शुरू होगी। ऑनलाइन प्रक्रिया में तीन दिन से भी कम समय में वेरीफिकेशन हो सकेगा।

सिपाही जाते घर तब एप्लीकेंट पहुंचते थाने

पासपोर्ट आवेदन की प्रक्रिया में पुलिस और एलआईयू की रिपोर्ट की जरूरत पड़ती है। आवेदक के संबंध में किसी तरह की एफआईआर दर्ज होने या उससे संबंधित कोई संदेह गतिविधि की सूचनाओं की जानकारी पुलिस जुटाती है। एप्लीकेंट के नाम-पते की तस्दीक कर पुलिस उनको सूचना देती है। पासपोर्ट साइज की फोटो, मोहल्ले के पार्षद का पत्र लेकर जब आवेदक थाने पहुंचता तो उसके वेरीफिकेशन की प्रक्रिया पूरी होती है। ऐसे में रीजनल पासपोर्ट ऑफिस से आवेदन की सूचना थाने भेजी जाती है। थानों की पुलिस वेरीफिकेशन कराकर उसकी रिपोर्ट जिला पुलिस के पासपोर्ट आफिस को उपलब्ध कराती है। वेरीफिकेशन की फीडिंग पूरी होने पर पासपोर्ट बनने की प्रक्रिया पूरी हो पाती है। यदि पुलिस की रिपोर्ट में जरा सी गड़बड़ी हुई तो आवेदक का पासपोर्ट लटक जाता है। मैन्युअल काम में एक तरफ थाना से लेकर आवेदक कागज का यूज करना पड़ता है। दूसरी तरफ पुलिस को फाइलों को गट्ठर ढोना पड़ता है। इन्हीं सब दुश्वारियों से बचने के लिए यूपी पुलिस ने एम-पासपोर्ट पुलिस एप की शुरुआत की है।

दो मिनट में पूरी होगी प्रक्रिया, आनलाइन भेजेंगे डाटा

एम पासपोर्ट पुलिस एप से दो मिनट में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया जा सकेगा। इसके लिए थानों को टैबलेट दिए जाएंगे। आवेदक के घर जाकर पुलिस कर्मचारी जरूरी जानकारी इकट्ठा करेंगे। आवेदक की क्रिमिनल हिस्ट्री सहित अन्य रिकाडर््स भी पुलिस के पास मौजूद रहेंगे। आवेदक को प्रति पासपोर्ट पर क्भ्0 रुपए का भुगतान करना होगा। विलंब होने या रिपोर्ट ख्क् दिन बाद भेजे जाने पर भ्0 का अतिरिक्त चार्ज लगेगा। एम पासपोर्ट पुलिस एप की जानकारी के लिए सभी नोडल अफसर को लखनऊ बुलाया गया था।

अभी तक यह प्रक्रिया अपनाती पुलिस

- जिले भर में वेरीफिकेशन के लिए पुलिस ऑफिस में पासपोर्ट ऑफिस बना है।

- आवेदन होने पर फाइलों को एसपी ऑफिस से थानों पर भेज दिया जाता है।

- थाना के पासपोर्ट मुंशी संबंधित हल्का सिपाहियों को जानकारी देकर आवेदक को बुलाते हैं।

- आवेदक को सूचना देने वाले सिपाही चाय-पानी के नाम पर खर्च मांगते हैं।

- लोकल पार्षद, प्रधान से प्रमाणित फोटो लगे सर्टिफिकेट के साथ थाने पर बुलाया जाता है।

- थाना के रजिस्टर नंबर आठ में आवेदक से संबंधित मुकदमों की रिपोर्ट लगाने का नियम है।

एम पासपोर्ट पुलिए एप से यह होगा फायदा

- जिले में रोजाना 90 से क्00 पासपोर्ट का होता है।

- एप से आवेदन के साथ ही पुलिस वेरीफिकेशन की सूचना थाने पर पहुंच जाएगी।

- जिले के नोडल अफसर को तत्काल एप के जरिए उपलब्ध होगी।

- हर थाने पर कम से कम एक टैबलेट उपलब्ध कराया जाएगा।

- आवेदन मिलने पर एप्लीकेंट का सारा रिकार्ड खंगाल करके रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी।

पासपोर्ट वेरीफिकेशन की प्रक्रिया सरल बनाने में एप मदद करेगा। इससे आवेदक की सूचना तत्काल पुलिस को मिलेगी। वेरीफिकेशन प्रासेस कंप्लीट होने पर एक क्लिक में कार्रवाई आनलाइन हो जाएगी। इसके सभी थानों को टैबलेट दिए जाएगा। इससे संबंधित ट्रेनिंग भी कराई जाएगी।

आदित्य प्रकाश वर्मा, नोडल अफसर पासपोर्ट वेरीफिकेशन

Posted By: Inextlive