भारतीय रेलवे ने एक बार फिर यात्री किरायों एवं विभिन्न प्रकार के शुल्कों में वृद्धि की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। अब रेलवे ने बच्‍चों को भी पूरे किराए के दायरे में ला दिया है। 10 अप्रैल 2016 से बच्‍चों की अलग बर्थ या सीट आरक्षित कराने पर आधे की बजाय उनका पूरा किराया देना होगा।


पांच से 12 साल आयुवर्गभारतीय रेलवे ने इधर एक बार फिर अपने किराए में बढोत्तरी की है। हालांकि इस बार उसके किराए के दायरे में बच्चे आ गए हैं। बच्चों के लिए इस नए किराए की स्कीम 10 अप्रैल 2016 से लागू हो जाएगी। अभी तक पांच साल से 12 साल के बच्चों का हाफ किराया किराया लगता था। इसके अलावा शून्य से पांच साल तक के बच्चों का किराया ही नहीं लगता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। जिससे अब पांच से 12 साल आयुवर्ग के बच्चों के लिए यदि अलग सीट या बर्थ आरक्षित करायी जाती है तो अब उनका भी पूरा किराया देना होगा। हां अगर बच्चों का अलग बर्थ या सीट का विकल्प नहीं लिया जाता है तो आधा किराया ही लगेगा। हालांकि अनारक्षित टिकटों में पहले की तरह नियम रहेंगे। विकल्प चुनने का ऑप्शन
वहीं इस संबंध में रेलवे के उपनिदेशक यातायात वाणिज्य रोहित शेखर का कहना है कि बदले रेल नियमों से यात्रियों व रिजर्वेशन से जुड़े कर्मचारियों को अवगत कराया जा रहा है। इसके लिए सभी जोनो को पत्र भेज दिए गए हैं।सबसे खास बात तो यह है कि अब रेलवे के इस नए नियम के तहत रेलवे रिजर्वेशन फॉर्म में भी बदलाव हो जाएगा। अब इसमें विकल्प चुनने का ऑप्शन भी दिया होगा। जिसमें लिखा होगा कि बच्चों की कंफर्म बर्थ चाहिए या नहीं। गौरतलब है कि इधर कुछ महीनों में रेलवे ने कई नियमों में बदलाव किया है। जिसमें 15 नवंबर को स्वच्छ भारत सेस लगाए से भी किराए में बढोत्तरी की थी। इसके अलावा टिकट रिफंड में भी बड़ा बदलाव हुआ था।

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Posted By: Shweta Mishra