-पीडब्ल्यूडी ने सर्वे कर कॉलेज की बिल्डिंग को बताया था कंडम

-कॉलेज प्रशासन ने नवंबर 2018 में की थी जगह की मांग, प्रशासन ने जगह की कराई पैमाइश

-सुभाष नगर में 5 एकड़ जगह की पहचान की गई, कॉलेज बनाने के लिए निगम को लिखा लेटर

बरेली: बांसमंडी स्थित आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे स्टूडेंट्स के लिए गुड न्यूज है। क्योंकि अब उन्हें मौत के साये में पढ़ाई नहीं करनी होगी। जल्दी ही उन्हें नए कॉलेज में पढ़ने का मौका मिलेगा। क्योंकि कंडम हो चुके आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज को सुभाषनगर के सनैय्या धनसिंह में ट्रांसफर किया जाएगा। इसके लिए प्रशासन ने लेखपालों की टीम बनाकर पांच एकड़ जमीन की पैमाइश कराई है। साथ ही जमीन मेडिकल कॉलेज के नाम ट्रांसफर करने के लिए लेटर भेजने की तैयारी की है।

पीडब्ल्यूडी ने बताया था कंडम

कॉलेज प्रशासन ने करीब एक साल पहले पीडब्ल्यूडी से बिल्डिंग का सर्वे करवाया था जिसमें इंजीनियरों ने बिल्डिंग को जर्जर यानी कंडम घोषित कर दिया था। तब से कॉलेज प्रशासन जिला प्रशासन से नई जगह पांच एकड़ भूमि उपलब्ध कराने की मांग कर रहा है। जबकि नवंबर 2018 में शासन ने डीएम को लेटर भेजकर शहर में पांच एकड़ जमीन देने को कहा था।

47 साल पुराना है कॉलेज

शहर के बांसमंडी स्थित यह कॉलेज एवं चिकित्सालय प्रदेश के आठ आयुर्वेदिक कॉलेजों में शुमार है। वर्ष 1972 में स्थापित हुआ। कानपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध इस कॉलेज में बीएएमएस कोर्स की 40 सीटें हैं। इस बार केंद्र सरकार ने बढ़ाकर 50 सीट कर दी हैं।

हर साल पढ़ते हैं 150 विद्यार्थी

बीएएमएस कोर्स के लिए हर साल 40 नए बच्चे आते हैं.यह साढ़े चार साल का कोर्स है। इसके बाद एक साल की ट्रेनिंग। इस तरह करीब 150 मेडिकल छात्र हर वर्ष होते हैं। प्राचार्य समेत 35 शिक्षक व चिकित्सक और करीब 115 अन्य स्टाफ की तैनाती है।

रोजाना आते हैं 400-500

अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 450-500 तक मरीज आते हैं। इन्हें एक रुपये के पर्चे में परामर्श मिलता है। दवाएं नि:शुल्क दी जाती है। पैथोलॉजी टेस्ट के लिए न्यूनतम शुल्क लिया जाता है।

सनैय्या धनसिंह में 5 एकड़ भूमि मिली है। इस भूमि को आयुर्वेदिक कॉलेज के नाम स्थानांतरित करने के लिए नगर निगम को पत्र लिखा जा रहा है। ताकि आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज का निर्माण हो सके।

-आशुतोष गुप्ता, तहसीलदार, सदर

Posted By: Inextlive