भूमि अधिग्रहण बिल और किसानों की मौत की लड़ाई छेड़ने के बाद अब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी मिडिल क्लास के 'हमदर्द' बनना चाहते हैं. शनिवार को राहुल ने कांग्रेस मुख्यालय में दिल्ली-एनसीआर रीजन के करीब सौ फ्लैट बायर्स से मुलाकात कर बिल्डरों की मनमानी से जुड़ी समस्याएं सुनीं. इसके बाद राहुल ने मोदी सरकार के भूमि बिल को प्रो-बिल्डर करार दिया. साथ ही ऐलान किया कि वह मिडिल क्लास के लिए लड़ेंगे.

बिल में नहीं है पारदर्शिता
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि इन लोगों से मुलाकात के बाद मैंने आज एक नई बात सीखी. मैंने सोचा था कि जमीन के मुद्दों की वजह से किसान और आदिवासी ही परेशान हैं, लेकिन यही परेशानी मिडल क्लास लोगों की भी है. बिल में पारदर्शिता हटाकर उनका शोषण किया जा रहा है. मौजूदा बिल बिल्डरों के पक्ष में है. पूर्व आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री अजय माकन ने राजग सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उसने पूर्ववर्ती सरकार द्वारा लाए गए रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण अधिनियम में 118 संशोधन किए हैं. संप्रग सरकार के विधेयक का मकसद खरीदारों का संरक्षण और समर्थन था लेकिन सरकार ने इन संशोधनों के जरिए इसे पूरी तरह पलट दिया है.
'बिल्डर राज' के खिलाफ मोर्चा
राहुल ने कहा कि घर खरीदने वालों को एक निश्चित सुपर एरिया, प्रॉजेक्ट पूरा करने की समयसीमा और खूबसूरत घर का वादा किया जाता है, लेकिन बिल्डर से उन्हें जो मिलता है वह वायदों से बिल्कुल अलग होता है. बोले, किसी को वादा किया गया था कि फ्लैट से अच्छा नजारा दिखेगा. फ्लैट मिलने के कुछ महीनों बाद एक नई इमारत खड़ी हो गयी और नजारा नजरों से ओझल हो गया. केंद्र सरकार उस विधेयक को ध्वस्त करने की कोशिश कर रही है जो कांग्रेस की अगुवाई वाली संप्रग सरकार रियल एस्टेट सेक्टर के नियमन के लिए लेकर आई थी. राहुल गांधी ने मुलाकात के बाद कहा, मैंने उन्हें आश्वासन दिया है कि जिस तरह मैं किसानों और आदिवासियों के साथ खड़ा रहा हूं, उसी प्रकार उनके साथ भी रहूंगा.

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari