- किराए की जमीन या बिल्डिंग पर मिलेगी स्कूल की मान्यता

- प्राइमरी और जूनियर स्कूल खोलना हुआ आसान

GORAKHPUR: अपना स्कूल बनवाने की चाहत रखने वालों के लिए अच्छी न्यूज है। अब किराए की जमीन या बिल्डिंग पर भी स्कूल की मान्यता मिलेगी। प्रदेश सरकार ने स्कूलों की मान्यता के लिए निजी जमीन या बिल्डिंग होने की बंदिश को हटा दिया है। स्कूल की मान्यता के लिए आवेदन शुल्क और सुरक्षित कोष भी कम हुआ है। प्रदेश सरकार के इस निर्णय से सूबे में प्राथमिक व जूनियर स्तर के स्तूलों को खोला जाना पहले के मुकाबले काफी आसान हो गया है।

तीन कैटेगरीज में मिलती मान्यता

स्कूलों के लिए मान्यता की तीन कैटेगरीज होती हैं। एलकेजी से कक्षा पांच, कक्षा एक से पांच और एलकेजी से कक्षा आठ तक की मान्यता मिलती है। स्कूलों की मान्यता को लेकर शासन ने 11 जनवरी, 2019 को शासनादेश जारी कर किराएदारी पर मान्यता की व्यवस्था समाप्त करते हुए स्कूल के नाम पर भूमि या भवन होना अनिवार्य कर दिया था। इसके साथ ही मान्यता के लिए आवेदन शुल्क और सुरक्षित कोष की राशि भी बढ़ा दी गई। इस नियम के बाद सूबे में नए स्कूलों का खुलना कठिन हो गया। बहुत सारे लोग जो स्कूल खोलना चाह रहे थे वह खुद की भूमि या भवन होने के नियम को पूरा नहीं कर पा रहे थे।

रूल्स को किया आसान

सरकार से इन नियमों को सरल करने के लिए मांग हो रही थी। वित्त विहीन प्रबंधक संघ ने इस संबंध में मुख्यमंत्री और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन देते हुए स्कूलों की मान्यता के पूर्व नियमों को बहाल करने का अनुरोध किया था। शासन ने इस संबंध में प्रचलित नियमों में संशोधन कर शासनादेश जारी कर दिया है। अब किराए की भूमि या भवन की दशा में स्कूल को मान्यता मिल सकेगी। इसके लिए स्कूल अथवा सोसाइटी के पास 25 वर्ष की लीज पर ली गई भूमि या भवन होनी चाहिए। यह भूमि अविवादित और जर्जर नहीं होनी चाहिए। विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष तथा अन्य समस्त सदस्यों को अपनी फोटोयुक्त पहचानपत्र जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र विभाग को उपलब्ध कराना होगा।

यू डॉयस पर भरना होगा आंकड़ा

स्कूल अथवा संस्था द्वारा प्रतिवर्ष विभाग द्वारा निर्धारित समय सारिणी के अनुसार यू-डॉयस प्लस से संबंधित सूचनाएं व आंकड़ा भरना अनिवार्य होगा। स्कूलों की मान्यता को लेकर आवेदन शुल्क और सुरक्षित कोष को लेकर भी राहत मिली है। प्राथमिक स्कूल की मान्यता के लिए दस हजार की जगह अब पांच हजार रुपए तथा उच्च प्राथमिक स्कूल की मान्यता के लिए 15 हजार की बजाए अब दस हजार आवेदन शुल्क लगेगा। प्राथमिक और जूनियर स्तर के स्कूलों के लिए सुरक्षित कोष एक समान कर दिया गया है। अभी तक प्राथमिक स्तर की मान्यता के लिए सुरक्षित कोष के मद में एक लाख व उच्च प्राथमिक स्तर की मान्यता के लिए डेढ़ लाख रुपए की एनएससी अथवा एफडी जिला बेसिक शिक्षाधिकारी के यहां जमा करानी पड़ती है।

जमा करनी होगी 25-25 हजार की एफडी

अब प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर के स्कूल की मान्यता के लिए 25-25 हजार की एनएससी अथवा एफडी जमा करानी होगी। उत्तर प्रदेश वित्त विहीन प्रबंधक संघ के संस्थापक जयप्रकाश मिश्र ने प्रदेश सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि संघ इसके लिए लगातार मांग कर रहा था। नए नियम से प्रदेश में नए स्कूल आसानी से खुल सकेंगे।

वर्जन

स्कूल मान्यता लेना पहले काफी कठिन था जिसे सरल करने की डिमांड काफी दिनों से थी। गवर्नमेंट ने इस प्रॉसेस को काफी सरल कर दिया है। अब मान्यता लेने में भी आसानी होगी।

बीएन सिंह, बीएसए

Posted By: Inextlive