एम्स में बुजुर्गो के लिए अलग काउंटर
- अब तक नॉर्मल लाइन में लगकर करवाना पड़ता था रजिस्ट्रेशन
- इसके बाद ओपीडी कार्ड के लिए अलग से लगानी पड़ती है लाइन - वहीं नई बिल्डिंग में सभी मरीजों के लिए बैठने के हुए इंतजाम GORAKHPUR: ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) में बुजुर्गो को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। उनके लिए बैठने की व्यवस्था होगी, तो वहीं रजिस्ट्रेशन और ओपीडी कार्ड के लिए अलग काउंटर, यह व्यवस्था एम्स एडमिनिस्ट्रेशन ने लागू भी कर दी है। बुजुर्गो के लिए खास एक काउंटर पर रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है, तो वहीं ओपीडी कार्ड के लिए अलग काउंटर भी बना है। इसके साथ ही पेशेंट्स के लिए भी एक्स्ट्रा काउंटर बनाए गए हैं, जिससे कि अब पेशेंट्स को परेशानी का सामना न करना पड़े और झटपट उनके काम कंप्लीट हो जाएं। नई ओपीडी में बेहतर व्यवस्थाएम्स की ओपीडी अब नवनिर्मित बिल्डिंग में शिफ्ट हो गई है। इसके पहले वह आयुष बिल्डिंग में चल रही थी, जहां जगह बहुत कम थी। नई बिल्डिंग में पर्याप्त जगह होने की वजह से एम्स एडमिनिस्ट्रेशन ने मरीजों व तीमारदारों को बेहतर सुविधा भी अवेलबल कराई है। अब किसी मरीज को रजिस्ट्रेशन कराने, ओपीडी पर्चा बनवाने या डॉक्टर को दिखाने के लिए लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ रहा है। वे पर्चा जमा करके कुर्सी पर बैठकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।
बाहर तक लगती थी लाइन रजिस्ट्रेशन व पर्चा काउंटर पर भी जगह बहुत कम थी। एम्स का इनॉगरेशन पीएम नरेंद्र मोदी ने फरवरी माह में किया। इसी के साथ 11 विभागों की ओपीडी एम्स में शुरू हो गई। आयुष बिल्डिंग में भूमि तल व प्रथम तल पर कुल 32 कमरे थे, जिसमें ओपीडी काउंटर, डॉक्टर रूम, पैथोलॉजी किसी तरह से चलाई जा रही थी। रजिस्ट्रेशन व पर्चा काउंटर पर भी जगह बहुत कम थी, जहां बैठने की जगह तो दूर आधा से अधिक मरीजों को तेज धूप या बारिश में भवन के बाहर खुले मैदान में लाइन लगाकर खड़ा होना पड़ता था। अवेलबल हैं 96-96 कमरेअब नई ओपीडी बिल्डिंग में इन समस्याओं से निजात मिल गई है। अभी बिल्डिंग का ग्राउंड फ्लोर व फर्स्ट फ्लोर ही ओपीडी के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। दोनों तल पर 96-96 कमरे हैं। ओपीडी पर्चा व रजिस्ट्रेशन काउंटर के लिए बड़ा हॉल है, जिसमें कुर्सियां लगी हुईं हैं। मरीज रजिस्ट्रेशन या पर्चा के लिए काउंटर पर संबंधित कागजात जमा कर आराम से कुर्सियों पर बैठ रहे हैं। उनका नंबर आने पर उन्हें बुलाया जा रहा है। अब काउंटर पर मरीजों की कोई भीड़ है ना लाइन।
इन विभागों की चल रही ओपीडी मेडिसिन सर्जरी गाइनोकोलॉजी एंड ऑब्सटेट्रिक्स पीडियाट्रिक्स ईएनटी ऑप्थल्मोलॉजी डेंटिस्ट ऑर्थोपेडिक्स डर्मेटोलॉजी साइकाइट्री रेडियोलॉजी वर्जन बुजुर्गो के लिए अलग काउंटर बनाए गए हैं, जिससे कि उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े। वहीं बाकी लोगों के लिए भी एक्स्ट्रा काउंटर बनाए गए हैं, जिससे उन्हें कोई प्रॉब्लम न हो। ओपीडी में बैठने के लिए भी भरपूर व्यवस्था की गई है। - अश्विनी महौर, डिप्टी डायरेक्टर, एम्स