Bareilly : जल्द ही बरेलियंस पुलिस के इमरजेंसी नंबर 100 पर कॉल के साथ मैसेज से भी इंफॉर्मेशन दे सकेंगे. यही नहीं वह अपनी कॉल पर लिए गए एक्शन की रिपोर्ट भी ले सकेंगे. नंबर पर आई हर कॉल की रिसीविंग डिस्पैच व लिए गए एक्शन का रिकॉर्ड होगा. यही नहीं बैठे-बैठे लोकेशन को भी ट्रेस किया जा सकेगा. ट्यूजडे को इसकी शुरुआत पुलिस लाइन में वर्कशॉप में डेमो के जरिए की गई. कानपुर में हाईटेक कंट्रोल रूम बनाने वाली कंपनी के ऑफिसर्स ने एसएसपी आकाश कुलहरि एसपी सिटी त्रिवेणी सिंह और सभी सीओज को इसकी प्रोसेस की जानकारी दी. कंपनी की ओर से जनरल मैनेजर डीके गोयल असिस्टेंट मैनेजर रमनदीप सिंह एसोसिएट वाइस प्रेसीडेंट श्रीनिवास व टेक्निकल ऑफिसर सुमेल जॉन भी मौजूद रहे. इसके साथ ही कंट्रोल रूम को हाईटेक करने की तैयारियां भी तेज हो गई हैं.


CAD dial 100 numberकंट्रोल रूम को हाईटेक करने के लिए कंप्यूटर एडेड डिस्पैच सिस्टम यानी सीएडी डायल 100 नंबर सॉफ्टवेयर का यूज किया जा रहा है। इस सॉफ्टवेयर के जरिए कंट्रोल रूम में आने वाली हर कॉल को क्लासीफाइड किया जा सकेगा। जैसे कि हाट कॉल, ट्रंक कॉल, इंक्वॉयरी कॉल और डिपार्टमेंटल कॉल। कॉल रिसीव करने के बाद हॉट कॉल को प्रायरिटी दी जाएगी। अक्सर देखने में आता है कि पब्लिक फायर, एंबुलेंस, ट्रैफिक, वूमेन हेल्पलाइन व अन्य डिपार्टमेंट की सूचना भी 100 नंबर पर देता है। इसके लिए ऑप्शन बनाए गए हैं, जिसके तहत रिलेटेड डिपार्टमेंट में कॉल एक क्लिक पर ट्रांसफर कर दी जाएगी। अगर सभी की एक साथ जरूरत है तो सब पर भी इंफॉर्मेशन भेज दी जाएगी। दी जाएगी website
इसमें कॉलर की भी रिकॉर्डिंग होगी। उसका एड्रेस व लोकेशन भी ट्रेस की जा सकेगी। यही नहीं अगर वह फेक कॉल कर रहा है तो इस बारे में भी आसानी से पता लगाया जा सकेगा। दो-तीन बार कॉल करने के बाद उसके नंबर को ब्लॉक भी कर दिया जाएगा। इसके लिए एक वेबसाइट भी दी जाएगी, जिस पर कॉलर अपनी कॉल पर लिए गए एक्शन की पूरी रिपोर्ट भी ले सकेगा। रिपोर्ट के आधार पर लापरवाह पुलिसकर्मियों पर एक्शन लिया जा सकेगा। जिस दिन से सेटअप लगना स्टार्ट होगा, उसके तीन महीने के अंदर कंट्रोल रूम बनकर तैयार हो जाएगा। कंपनी के इंजीनियर इसकी ट्रेनिंग भी पुलिसकर्मियों को देंगे। सॉफ्टवेयर को लेकर अधिकारियों ने कंपनी के अधिकारियों से जमकर सवाल-जबाव भी किए। इसकी कुछ कमियों के बारे में भी बताया गया। Map के जरिए location trace


इस सॉफ्टवेयर का यूज जीपीएस सिस्टम व एंड्रायड फोन के जरिए किया जाएगा। इसके तहत सभी पेट्रोलिंग गाडिय़ों में जीपीएस सिस्टम लगेगा । साथ ही सभी पुलिसकर्मियों को एक ही कंपनी का नंबर दिया जाएगा और उन्हें एंड्रायड फोन यूज करना होगा। कंट्रोल रुम में सिटी का एक मैप भी होगा। इसके जरिए घटना स्थल, पुलिस स्टेशन , रोड व काल पर गए पुलिसकर्मी की लोकेशन भी ट्रेस की जा सकेगी। यही नहीं वहां पर पहुंचने पर पुलिसकर्मी को फोटो, वीडियो, मैसेज व वाइस रिकार्ड करने के भी भेजनी होगी। इससे पता चल जाएगा कि काल आने के कितनी देर बाद एक्शन लिया गया और काल पर गया पुलिसकर्मी झूठ तो नहीं बोल रहा है। साफ्टवेयर हिंदी व इंग्लिश दोनों में यूज किया जा सकेगा। कंट्रोल रुम की इस प्रोसेस को एक सीनियर आफिसर सुपरवीजन भी करेगा। सिस्टम हर दस मिनट के बाद काल पर लिए गए एक्शन के बारे में भी पूछता रहेगा। जब तक जबाव नहीं आयेगा तब तक यह पेंडिंग ही दिखाएगा।

Posted By: Inextlive