बदल गया i next
प्रिय पाठक बन्धु, सादर, सप्रेम अभिवादनआई-नेक्स्ट का ब्रॉडशीट अंक आपके हाथों में है। आपमें से कई सुधी पाठकों का आई नेक्स्ट का साथ पिछले कई वर्षों का है और मुमकिन है आपके हाथ आई नेक्स्ट का अखबार पहली बार आया हो इसलिए अपना परस्पर परिचय कर लेते हैं।
आई नेक्स्ट, जागरण प्रकाशन समूह का दैनिक समाचार पत्र है। जिसका प्रकाशन 22 दिसम्बर 2006 से कानपुर से प्रारम्भ हुआ और आज उत्तर भारत के 5 राज्यों में यह 13 शहरों से प्रकाशित होता है। आई नेक्स्ट की भाषा बोलचाल की भाषा है और जिस प्रकार हिन्दी में सहज ही उर्दू, अंग्रेजी और अन्य देशज भाषाओं के शब्द सहज ही शामिल हो गए हैं, आई नेक्स्ट उसी भाषा में उतनी ही सहजता के साथ आपसे रूबरू होता रहा है और होता रहेगा। हमारा मानना है कि भाषा सम्वाद का माध्यम है, बातचीत का जरिया है, जरूरी है कि बातचीत मुकम्मल हो, आपको जो भी कुछ जानना जरूरी हो उसे हम आसान से शब्दों में आप तक पहुंचाएं, यही हम पिछले तकरीबन 9 सालों से करते आए हैं, करते रहेंगे।
अब बारी आपके परिचय की। आपसे मेरी दरख्वास्त है कि अपने बारे में और अखबार से अपनी जरूरत के बारे में मुझे और मेरे साथियों को जरूर बताएं आखिर में दिए ई-मेल आईडी पर या पत्र या व्हाट्सअप द्वारा। पर उसके पहले आप यानि हमारे पाठकों में से एक के बारे में हम क्या समझते हैं, हम क्या जानते हैं, इस पहचान को बताने की गुस्ताखी कर लेने दीजिए, क्षमा याचना सहित।शहरों, गांवों, राजधानियों और दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले हिन्दी क्षेत्र के पाठकों को ज्यादा लेकिन जरूरी, विस्तृत लेकिन सार-गर्भित और नवीनतम लेकिन अपनी जरूरतों से जुड़ी जानकारियों की अपेक्षा अपने अखबार से रखते हैं। क्या हुआ अगर ये जानना जरूरी है तो 'क्या होगा' या 'क्या होने वाला है' ये जानना भी उतना ही जरूरी है। तमाम सारे आंकड़े नहीं चाहिए, उन तमाम आंकड़ों का निष्कर्ष क्या निकलता है, यह पता चलना ज्यादा जरूरी है। तमाम जानकारियों से ज्यादा जरूरी है ये जानना कि इन जानकारियों का हमारे पाठक की जिन्दगी में क्या महत्व है। 'जरूरत भर की खबर' और 'जरूरत की सारी खबर' हमारे पाठकों को इनकी जरूरत है।नया i next देखने के लिए यहां क्लिक करें
9 वर्ष पहले जब जागरण समूह का यह अखबार आई नेक्स्ट अस्तित्व में आया तो टेलीविजन के अनेकानेक चैनल्स के साथ, डिजिटल युग का भी जोरशोर से पदार्पण हो चुका था। हम सभी के पास स्मार्टफोन भले ही नहीं थे पर एसएमएस का उपयोग हम कर ही रहे थे। सोशल मीडिया में विश्वक्षितिज पर 'माई स्पेस' और भारत में 'ऑर्कुट' आगाज दे चुके थे, फेसबुक ने पब्लिक एकाउंट बनाने की सुविधा शुरू कर दी थी और 2जी पर 'डाटा' और 'वेल्यू एडेड सर्विसेज' के द्वारा इंटरनेट का प्रयोग शुरू हो चुका था। 2005 से 2015 के इस दशक में डिजिटल इण्डिया इस कदर हमारी जिन्दगी का हिस्सा है कि रेलवे के टिकट से लेकर, बैंकिंग और शिक्षा, कपड़ों से लेकर घरेलू उत्पादों की खरीददारी, सब कुछ स्क्रीन्स पर हो रहा है। आई नेक्स्ट इस सफर में आपका साथी रहा है, बल्कि बहुत बार तो आई नेक्स्ट ने यह भी प्रयास किया है कि आप सबको इन बढ़ते संचार माध्यमों के सकारात्मक पक्ष से रूबरू कराया जाए, जोड़ा जाए। आई नेक्स्ट के मोबाईल एप को आप अपने स्मार्ट फोन पर डाउनलोड कर सकते हैं और यही सामग्री आप वहां उतनी ही सहजता से पा सकते हैं। आई नेक्स्ट को प्रतिदिन पढ़ते हुए आप पाएंगे कि आपका हमारा सम्वाद आसान है और बल्कि कई बार शायद बात आप ही कह रहे होंगे। हम सिर्फ मंच की भूमिका में होंगे। अन्तत: कुछ बातें और। जागरण समूह प्रामाणिक खबरों और इस देश की संस्कृति को पुष्ट करने वाली सामग्री को आप सबके बीच लाने के लिए संकल्पबद्ध है और आईनेक्स्ट भी इसी श्रृंखला की कड़ी है। आप जब भी इसमें हमारी प्रतिबद्धता में कमी पाएं, हमें सूचित करें। इस साझा धरोहर को पीढ़ी-दर-पीढ़ी ले जाना हमारी संयुक्त जिम्मेदारी है।समाजोपयोगी बातें सामने लाना, प्रशासन और जनता के सम्वाद का माध्यम बनना, जन समस्याओं को सामने लाना, नीति नियन्ताओं की जनभावनाओं से अवगत कराना। विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक मुद्दों पर अपने विचारों को रखना और उससे भी ज्यादा जनता की आवाज को सशक्त मंच देना, अखबार से आपकी यही अपेक्षा रहती हैं। ये सीधी-साधी बातें हैं और यदि हम इन्हें ही ईमानदारी से करते रहें तो आपका हम पर यानि समाचार तंत्र पर विश्वास बना रहेगा और हम भी आप सब की तरह देश-प्रदेश और क्षेत्र के विकास की मजबूत कड़ी बनकर साथ चलेंगे।हमें इस कसौटी पर कसते रहिए, सरकारें तो आप पांच वर्षों में हटा पाते हैं या चुन पाते हैं, हमें तो आप हर दिन वोट दे सकते हैं, पढ़कर या न पढ़कर। आपसे सविनय अनुरोध है कि इस आई नेक्स्ट टीम को आपका साथ चाहिए, हर रोज के सम्वाद का, ताकि कुछ बेहतर और अलग करने की जो इच्छाशक्ति हम अपने स्मार्ट, दमदार और तेज-तर्रार रूप में लेकर चल रहे हैं, उसे आपका बल मिल जाए।- आलोक सॉवलEditor, i nexteditor@inext.co.in