मूल्यांकन में पारदर्शिता लाने के लिए यूनिवर्सिटी कर रही बदलाव

परीक्षकों से जुड़ेगी कॉपी की पहचान, आएगी पारदर्शिता

Meerut। सीसीएस यूनिवर्सिटी में मूल्यांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए बदलाव किया गया है। इसे पारदर्शी एवं जवाबदेह बनाने केलिए आगामी सत्र से ठीक पहले बदलाव की तैयारी है। अब परीक्षकों का काम सिर्फ कॉपियां चेक करना नहीं होगा, बल्कि संबंधित कॉपी से उनकी पहचान भी जुड़ेगी। मूल्यांकन में खामियां और इसके विरुद्ध मूल्यांकन चुनौती एवं स्क्रूटनी के बढ़ते आवेदनों के बाद यूनिवर्सिटी ने बदलाव किया है। इसके तहत शिक्षकों की यूनिक आईडी तैयार हो रही है। यह आईडी परीक्षक द्वारा चेक कॉपियों से लिंक होगी। इस आईडी के बाद किसी भी वक्त कॉपी के जरिए परीक्षक का नाम आसानी से पता चल जाएगी। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड में परीक्षकों द्वारा चेक की जा रही कॉपियों का ब्योरा एक क्लिक पर रहेगा।

प्रक्रिया में हो रहा बदलाव

यूनिवर्सिटी की ओर से मुख्य परीक्षा के मूल्यांकन से ठीक पहले नए सिस्टम को अपनाया जाएगा। यूनिवर्सिटी ने गोपनीयता के मद्देनजर सबसे पहले मूल्यांकन में बार कोड प्रक्रिया को अपनाया था, लेकिन बीते साल से स्टूडेंट लगातार असंतुष्ट हुए हैं। हाल ही में ऐसे मामले सामने हैं जिनमें शिक्षकों ने एमबीए, एमबीबीएस की कॉपियों की अदला-बदली की थी। इसके साथ ही कुछ एलएलबी के पेपर में बिना प्रश्नों को पढ़े ही कॉपियों में टीचर ने स्टूडेंट्स को नंबर दे दिए थे। इनमें संबंधित टीचरों को तलाशने में काफी समय लगा था। इससे पहले भी शिक्षकों द्वारा कॉपियों के मूल्यांकन में खामियां पकड़ी जा चुकी हैं। इसी लापरवाही को देखते हुए ये बदलाव किया गया है। परीक्षकों की जवाबदेही तय करने के लिए समिति का गठन किया गया है। यह समिति अपनी सिफारिशों में मूल्यांकन को पारदर्शी, जवाबदेह और न्यायसंगत बनाने पर विचार करेगी।

ये होगा प्लान

कॉपियों पर संबंधित टीचर के नाम व कहां से है, इसका भी जिक्र होगा

कॉपियों को कोड के साथ ही ऑनलाइन लिंक किया जाएगा

कॉपियों की चेकिंग डिटेल्स ऑनलाइन क्लिक करते ही खुलेगी

कॉपियों की चेकिंग से संबंधित टीचर का रिकॉर्ड खंगाला जा सकेगा

इस प्रक्रिया से एक क्लिक करते ही टीचर्स और चेक हुई कॉपी की सारी डिटेल उपलब्ध होगी।

टीचर्स की तैयार हो रही यूनिक आईडी, यह चेक कॉपियों से होगी लिंक

यूनिवर्सिटी द्वारा कई नए बदलाव किए जा रहे है। ऐसा इसलिए ताकि पारदर्शिता बने रहे, इसके साथ ही कॉपियों को चेक करने वाले की भी जवाबदेही होगी।

प्रो। वाई विमला, प्रोवीसी, सीसीएसयू

Posted By: Inextlive