इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति की तानाशाही के विरोध में नए सिरे से होगी लड़ाई

छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह और आनंद सिंह की अगुवाई में राष्ट्रपति से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल

ALLAHABAD: इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा हॉस्टल के मुद्दे पर छात्रों से किसी भी प्रकार का संवाद स्थापित नहीं करने के निर्णय के बाद छात्रों ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है। इस बार मोर्चा कुलपति प्रो। आरएल हांगूल के विरोध में नहीं बल्कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की हीलाहवाली के विरोध में खोला गया है। कुलपति को अभी तक न हटाए जाने से आक्रोशित छात्रों ने मंत्रालय के खिलाफ सड़क से संसद तक आंदोलन छेड़ने का निर्णय लिया है। यह जानकारी छात्र संघर्ष मोर्चा के संयोजक आनंद कुमार सिंह निक्कू ने मंगलवार को प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में दी।

वाश आउट के नाम कर रहे परेशान

उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में महीनों से वॉश आउट के नाम पर 80 फीसदी वैध छात्रों को परेशान किया जा रहा है। मंत्रालय को मामले की पूरी जानकारी है, लेकिन वहां से कुलपति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि अब हमारी लड़ाई मानव संसाधन विकास मंत्रालय के रवैए के विरोध में होगी।

राष्ट्रपति से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल

विश्वविद्यालय छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह ने आरोप लगाया है कि सुप्रीमकोर्ट से मिले निर्देश के बाद भी कुलपति छात्रों के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता करने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने बताया कि सुप्रीमकोर्ट के निर्देश पर हम लोगों ने कुलपति से मिलने के लिए प्रत्यावेदन दिया था जिसका जवाब नहीं दिया गया है। हॉस्टल खाली कराने की कार्ययोजना को लेकर प्रो। हांगलू न तो हाईकोर्ट की सुन रहे हैं और न ही सुप्रीमकोर्ट की बात मान रहे है। इसलिए छात्रों का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मिलकर उन्हें पूरे मामले से अवगत कराने जाएगा।

Posted By: Inextlive