-एनई रेलवे में ई-ऑफिस सिस्टम की शुरू हुई कवायद

-ऑनलाइन ही होंगे टेंडर, सभी अधिकारी ऑनलाइन करेंगे चेक

-ऑनलाइन सारी कवायदों के बाद ऑनलाइन ही अपलोड हो जाएगा टेंडर

GORAKHPUR: कागज के फेर में विकास रुका हुआ है. योजनाओं की फाइल टेबल-टेबल ठोकरें खा रही हैं, लेकिन इन पर निगाह रखने वाला कोई नहीं है. फाइल कहां है इसे जानने की फुर्सत भी किसी के पास नहीं है. रेलवे में अब ऐसी बातें गुजरे जमाने की बात होगी. फाइल महज एक क्लिक पर इधर से उधर पहुंचेंगी और अटकी पड़ी योजनाओं हो या फिर नई, झटपट उसके टेंडर होंगे और काम शुरू हो जाएंगे. एनई रेलवे में ई-ऑफिस सिस्टम की कवायद शुरू हो गई. जल्द यह व्यवस्था पूरे एनई रेलवे में लागू हो जाएगी और लोगों को इसका फायदा ि1मलने लगेगा.

तैयारियां फाइनल स्टेज में

रेलवे के सारे काम डिजिटली करने की कवायद काफी दिनों से चल रही है. टेंडर के लिए ऑनलाइन व्यवस्था पहले ही की जा चुकी है, वहीं इन टेंडर्स की सूचनाएं भी अब ऑनलाइन ही जारी की जा रही हैं. ट्रेंन का स्टेटस हो या कोई अपडेट अब सभी सर्विसेज करीब ऑनलाइन हो चुकी हैं. मगर अब कागजी काम भी ऑनलाइन होने के बाद काम की स्पीड बढ़ेगी, जिससे लोगों को सुविधाओं का लाभ जल्दी मिल सकेगा. इसकी तैयारियां फाइनल स्टेज में पहुंच चुकी है. जल्द यह व्यवस्था लागू हो जाएगी.

चुटकियों में बोर्ड तक की परमिशन

रेलवे के लिए नए आईआरईपीएस सिस्टम के जरिए व‌र्क्स प्रोग्राम के प्रपोजल काफी तेजी से अप्रूव होंगे. इसको सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (क्रिस) ने डेवलप किया है. इसमें इनिशियल वर्क से लेकर जीएम और बोर्ड की परमिशन भी चुटकियों में ली जा सकेगी. वहीं, डुप्लिकेशन और फाइल मूवमेंट टाइम भी ट्रैक हो सकेगी, जिससे फाइल रोकने वाले जिम्मेदार भी आसानी से ट्रैक हो सकेंगे और उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी. वहीं कंप्यूटराइज वर्क होने की वजह से फाइल गायब होने का डर भी खत्म हो जाएगा, जिससे कि कोई प्रोजेक्ट फाइल के फेर में नहीं फंस पाएगा.

वर्जन

रेलवे में ई-ऑफिस सिस्टम की कवायद चल रही है. जल्द ही यह व्यवस्था पूरे एनई रेलवे में भी लागू हो जाएगी. इससे सभी काम का अप्रूवल काफी तेजी से होगा. वहीं फाइल गुम होने का डर भी नहीं रहेगा.

- संजय यादव, सीपीआरओ, एनई रेलवे

Posted By: Syed Saim Rauf