Meerut। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में मेरठ समेत गाजियाबाद, फिरोजाबाद, अयोध्या, गोरखपुर, मथुरा- वृंदावन और शाहजहांपुर को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की है। इसके लिए लिविंग इंडेक्स के तहत सिटीजन फीडबैक भी चल रहा है। सरकार इन शहरों को पीपीपी मॉडल पर स्मार्ट सिटी बनाएगी। इसमें मेरठ के शामिल होने के बाद अब स्मार्ट सिटी की योजनाओं को गति मिलेगी। इसमें सड़क, बिजली, पानी, सफाई, सुरक्षा और परिवहन समेत शिक्षा की व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाएगा। इस घोषणा के बाद अब नगर निगम का सारा फोकस स्मार्ट सिटी रिपोर्ट पर टिक गया है।

350 करोड़ से होगा विकास

प्रदेश सरकार जिन शहरों को अपने दम पर स्मार्ट सिटी बनाने जा रही है उन्हें शुरूआती दौर में 50-50 करोड़ रुपये मिलेंगे। नगर विकास विभाग ने इसके आधार पर बजट में ही इन सभी शहरों के लिए 350 करोड़ रुपये की मांग की थी।

विकसित होगा पुराना शहर

स्मार्ट सिटी में शहर के पुराने क्षेत्रों को हेरिटेज के रूप में विकसित किया जाएगा। चौबीस घंटे जलापूर्ति की व्यवस्था, शहर के सभी घरों में सीवर के अनिवार्य कनेक्शन, घनी आबादी वाले शहरों की सड़कें चौड़ी करना, कूड़े के निस्तारण के लिए पर्याप्त डस्टबिन रखने, प्रमुख स्थानों पर मुफ्त वाईफाई की सुविधा, बेहतर ट्रांसपोर्ट की सुविधा के लिए इलेक्ट्रिक बसें चलाना, शहरों में जरूरत के आधार पर आधुनिक बस स्टॉप बनाना, मुख्य मागरें के किनारे सौंदर्यीकरण के लिए गमले रखने व पौधे लगाने जैसे कार्य किए जायेंगे। इसके अलावा शहर में स्मार्ट स्कूल, मल्टीलेवल पार्किंग, तालाबों का सौंदर्यीकरण, स्मार्ट रोड का काम होगा।

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट

जाम मुक्त ट्रैफिक सिस्टम विकसित हो जाएगा

शहर को झूलते तारों से मुक्ति मिल जाएगी।

मुख्य मार्गो किनारे पौधरोपण होगा। जिससे वातावरण सुधरेगा।

घनी आबादी वाले क्षेत्रों की सड़कें चौड़ी और अतिक्रमण मुक्त होगी।

शहर में सौ फीसद सीवरेज सिस्टम होगा।

Posted By: Inextlive