टीबी विभाग ने सैंपल कलेक्ट करने के लिए शुरू की ह्यूमन कुरियर सर्विस

विभाग कुरियर लाने वाले व्यक्ति को 100 रूपये प्रति सैंपल देगा

Meerut। टीबी के मरीज का सैंपल उसके घर से ट्रीटमेंट यूनिट तक पहुंचाने के लिए जिला टीबी विभाग ने ह्यूमन कुरियर सर्विस शुरू की है। अपनी तरह की ये पहली कुरियर सर्विस है। यही नहीं प्रदेश में इस योजना को शुरू करने वाला मेरठ पहला जिला भी है।

क्या है ह्यूमन कुरियर सर्विस

ह्यूमन कुरियर सर्विस के अंर्तगत एक व्यक्ति टीबी के मरीज से सैंपल लेकर ट्रीटमेंट यूनिट तक पहुंचाने का काम करता है। जिसके लिए विभाग प्रति सैंपल 100 रूपये के हिसाब से कुरियर लाने वाले व्यक्ति को देता है। मेरठ जिले में 18 ट्रीटमेंट यूनिट हैं।

शुरू हुई योजना

सरकार 2025 तक टीबी की बीमारी को जड़ से खत्म करने की कवायद में जुटी हुई हैं। टीबी के मरीजों को सामने लाने के लिए शासन स्तर से कई योजनाएं भी लागू की गई हैं। बावजूद इसके मरीज ट्रीटमेंट सेंटर तक सैंपल लेकर आने को तैयार नहीं हैं। मरीजों की सुविधाओं और सरकार के लक्ष्य को पूरा करने के लिए जिला टीबी विभाग ने प्रशासन के सहयोग से यह योजना शुरू की है। इसके अलावा इस सर्विस की वजह से सैंपल को तत्काल जांच के लिए भेजा जा सकता है।

कुरियर सर्विस के फायदे

मरीज के परिवहन का खर्च और समय दोनों की बचत होती है।

समय से सैंपल की जांचकर इलाज शुरू किया जा सकता है।

मरीज से अन्य लोगों में टीबी के वायरस फैलने का खतरा बहुत कम हो जाता है।

कुरियर सर्विस की वजह से मरीज सैंपल देने में आनाकानी नहीं करता है।

टीबी के मरीजों की स्थिति

रजिस्टर्ड - सरकारी मरीज

1 जनवरी 2018 से 31 मार्च 2018 तक - 2032

1 अप्रैल 2018 से 30 जून 2018 तक - 3348

1 जुलाई 2018 से 30 सितंबर 2018 तक - 2006

1 अक्टूबर 2018 से 20 नवंबर 2018 तक - 617

प्राइवेट मरीजों की स्थिति

1 जनवरी 2018 से 31 मार्च 2018 - 1051

1 अप्रैल 2018 से 30 जून 2018 - 1246

1 जुलाई 2018 से 30 सितंबर 2018 तक - 888

1 अक्टूबर 2018 से 20 नवंबर 2018 तक - 342

एमडीआर और एक्सडीआर मरीज - कुल 309

एमडीआर - 292

एक्सडीआर मरीज - 17

यह है टीबी के लक्षण

दो हफ्ते से अधिक खांसी का होना

वजन कम होना

भूख्ा न लगना

टीबी के सैंपल मरीज के घर से लाने और ट्रीटमेंट यूनिट तक पहुंचाने के लिए हमने ह्यूमन कुरियर सर्विस शुरू की है। इससे मरीज सैंपल देने मे आनाकानी भी नहीं करता और समय से जांच हो जाती है।

डॉ। एमएस फौजदार, जिला टीबी अधिकारी, मेरठ

Posted By: Inextlive