तुर्की के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि उन्होंने रूसी जंगी विमान को मार गिराया है। ऐसा विमान के तुर्की के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने पर किया गया। जबकि रूस ने कहा कि उनका विमान तुर्की के वायु क्षेत्र में दाखिल नहीं हुआ था।

बन रहे हैं नए अंतरराष्ट्रीय समीकरण
पश्चिवमी राष्ट्रों और रूस के इस्लामिक स्टेट के खिलाफ चल रहे युद्ध अभियान सभवत: किसी नए अंतर्राष्ट्रीय तनाव को जन्म दे रहे हैं। क्या ये किसी नए खतरे की दस्तक हो सकती है। ऐसे सवाल बेवजह नहीं हैं बल्कि वैश्विक नेताओं के लिए गंभीर चिंतन के विषय होने चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि मंगलवार को तुर्की ने सीरिया की सीमा से लगती अपनी वायु सीमा में रूस के एक सैन्य विमान को मार गिराया है। तुर्की ने अपने बयान में कहा कि उसने विमान को गिराने से पहले कई बार चेतावनी दी थी। जबकि तुर्की की इस कार्रवाई पर रुस ने कड़ा ऐतराज व्यक्त किया है। जाहिर है ये अच्छे संकेत नहीं हैं।
पायलट विद्रोहियों के कब्जे में
तुर्की एयर फोर्स के एक अधिकारी के मुताबिक रशियन मिलिट्री जेट पर हमला करने से पूर्व उसे कई बार चेतावनी दी गई, लेकिन चेतावनी अनसुनी करने के बाद तुर्की एयर फोर्स के एफ-16 फाइटर प्लेन ने उसे मार गिराया। उस प्लेन का मलबा सीरिया और तुर्की की सीमा के पास गिरा। हालांकि दोनों पायलट विमान क्रैश होने से पहले कूद गए थे। बताया जा रहा है कि एक पायलट विद्रोहियों के कब्जे में है।

तुर्की प्रधानमंत्री ने मांगी पूरी जानकारी
तुर्की के प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी की गई विज्ञप्ति में बताया गया है कि इस घटना के बाद तुर्की के प्रधानमंत्री अहमेट देवूटोगलू ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें नाटो और संयुक्त राष्ट्र को सीरियाई बार्डर के पास हुए घटनाक्रम की नवीनतम जानकारी से अवगत कराने को कहा।
रूस ने जताया विरोध
इस मामले में रूस का कहना है की तुर्की की कार्यवाही उचित नहीं है। उनका दावा है कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि विमान तुर्की वायु सीमा का उल्लंघन नहीं कर रहा था। अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा जानकारों के अनुसार तुर्की की इस कार्रवाई के दूरगामी परिणाम होंगे जिससे राजनीतिक, कूटनीतिक और सामरिक संबंधों में कई बड़े बदलाव नजर आ सकते हैं।

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Posted By: Molly Seth