रांची: यदि आप भी ड्राइविंग टेस्ट देकर लाइसेंस बनवाने की उम्मीद लगाए हुए हैं तो फिलहाल दो महीने निश्चिंत हो जाएं। जी हां, पिछले लगभग ढाई महीने से बंद पड़ी ड्राइविंग टेस्ट की प्रक्रिया और अगले दो महीने तक बंद रहेगी। यानी अगस्त के बाद ही ड्राइविंग टेस्ट की संभावना बन सकती है। ऐसे में लाइसेंस बनवाने के टेंशन को फिलहाल तो भूल ही जाइए। फिलहाल सिर्फ पुराने लाइसेंस को रिन्यूवल करने का ही काम हो रहा है। ऐसे में एक ओर जहां पिछले ढाई महीने से कई आवेदन पेंडिंग पड़े हुए हैं। वहीं, ट्रैफिक पुलिस भी चौराहे पर बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाते पकड़े जाने पर चालान काट रही है।

विभाग नहीं लेगा रिस्क

विभागीय अधिकारियों की मानें तो अभी कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना बहुत जरूरी है। वहीं, मोरहाबादी मैदान में जो ड्राइविंग टेस्ट लिया जाता था, उसमें एक साथ बहुत सारे लोग जमा हो जाते हैं। ऐसे में विभाग के साथ परेशानी है कि वो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कैसे करा पाएगा। दूसरी बात यह है कि इतने सारे आवेदन पेंडिंग पड़े हैं कि बहुत कम लोगों का ही टेस्ट कराना संभव है, इसलिए परिवहन विभाग जब तक सारी चीजें सामान्य नहीं हो जातीं, रिक्स लेना नहीं चाहेगा।

पहले से 3 माह का है वेटिंग

राजधानी में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाले लोगों के साथ कई तरह की परेशानियां आ रही हैं। पहली परेशानी तो यह है कि कई लोगों ने फरवरी-मार्च महीने में ही ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन दिया था, जिनके ड्राइविंग टेस्ट का स्लॉट तीन महीने बाद का बुक हुआ था। इधर, कम से कम दो महीने और जोड़ लीजिए। यानी आवेदन के पांच महीने बाद ड्राइविंग टेस्ट होगा। इसकी भी कोई गारंटी नहीं है। इस दौरान ट्रैफिक पुलिस वाले काटते रहेंगे आपका चालान।

सरकार के 3 महीने की मोहलत को नहीं मान रही ट्रैफिक पुलिस

सरकार ने वैसे लोग जिनका ड्राइविंग लाइसेंस अप्रैल-मई में लैप्स कर रहा था, उनको 3 महीने की मोहलत दी है। यानी 3 महीने तक अगर उनका लाइसेंस रिन्यूवल नहीं होता है तो भी वो गाड़ी चला सकते हैं। पुलिस उनको नहीं पकड़ेगी। लेकिन ट्रैफिक पुलिस नहीं मान रही है। जब भी ट्रैफिक पुलिस किसी कारण से गाड़ी वालों को पकड़ती है तो हेलमेट नहीं होने का चालान काटने के साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने का भी चालान काट दे रही है। सबसे अधिक परेशानी उन लोगों को हो रही है जिन्होंने आवेदन दे दिया है लेकिन उनका लाइसेंस नहीं बन पा रहा है। अब उनको समझ नहीं आ रहा है कि मेरी क्या गलती है। जब विभाग ने ही अभी लाइसेंस बनाना बंद कर दिया है तो हम लोग कैसे बनाएंगे।

लर्निग लाइसेंस लेना भी आसान नहीं

लॉकडाउन खुलने के बाद डीटीओ ऑफिस से लर्निग लाइसेंस लेने में भी लोगों को इंतजार करना होगा। आवेदक को कम्प्यूटर टेस्ट से लेकर फोटो खिंचवाने के लिए समय लेना होगा। यानी पहले परमानेंट लाइसेंस के लिए एक महीने रुकना पड़ता था, अब लर्निग लाइसेंस के लिए भी एक महीना इंतजार करना पड़ रहा है, जो लाइसेंस एक महीने में मिल जाता था वो अब तीन महीने बाद मिलेगा। हो सकता है इससे ज्यादा भी समय लग जाए। लर्निग लाइसेंस मिलने के बाद ही परमानेंट के लिए आवेदन किया जाता है। लगभग एक से डेढ़ महीने बाद लर्निग लाइसेंस मिल पाएगा। इसके बाद परमानेंट के लिए फिर से आवेदन किया जाता है। इसके लिए भी ड्राइविंग टेस्ट लिया जाता है। परमानेंट लाइसेंस मिलने में 15 से 20 दिन का समय लगता था। लेकिन लॉकडाउन की वजह से 2 महीने से काम बंद है। ऐसे में कार्यालय खुलने पर भी इसमें काफी समय लगेगा।

फिलहाल एनआईसी में काम हो रहा है। ड्राइविंग टेस्ट के लिए कोई आदेश विभाग की तरफ से अब तक नहीं आया है। जब आदेश आएगा उसके बाद ही ड्राइविंग टेस्ट लिया जा सकता है। दो महीने तक संभावना बनती नहीं दिख रही है

-संजीव कुमार, डीटीओ, रांची

Posted By: Inextlive