-पूरे शहर में अंडर ग्राउंड तार डालने के लिए पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने तैयार किया अनुमानित प्रस्ताव

-एनपीटीआई बनाएगा डीपीआर, एमडी ने कॉरपोरेशन से मांगी अनुमति

-दो हजार करोड़ से होगी बिजली व्यवस्था दुरुस्त

स्मार्ट सिटी बनारस के बड़े हिस्से को बदसूरत बनाने वाले हवा में लटकते बिजली के तार नजर नहीं आएंगे। सीएम योगी की पहल पर शहर की हर गली को जगमग करने के लिए पूरे शहर में एचटी व एलटी तार अंडरग्राउंड किए जाएंगे। इसे लेकर पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने प्रपोजल तैयार कर लिया है। आईपीडीएस (एकीकृत ऊर्जा विकास योजना) के तहत सभी तार भूमिगत, वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, ऊपरगामी विधा से संयोजित उपभोक्ताओं के विद्युत संयोजन को भूमिगत में बदलने आदि कार्य किए जाएंगे। इन सभी कार्यो को पूरा करने में करीब दो हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।

सीएम ने दिया था आदेश

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट आईपीडीएस के तहत पहले फेज में पुरानी काशी क्षेत्र के जिन इलाकों में 362 करोड़ रुपये का कार्य हुआ है वहां के उपभोक्ताओं को अब निर्बाध बिजली मिल रही है। सेकेंड फेज में 125 करोड़ की लागत से शहर के सात प्रमुख क्षेत्रों में करीब करीब 30 प्रतिशत कार्य हो चुके हैं। पूरे बनारस को बिना किसी लोकल फाल्ट के निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए सीएम योगी ने पिछले माह घोषणा की थी। उन्होंने पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) को इसके लिए प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया था। इसके बाद पीवीवीएनएल ने प्रारंभिक प्रस्ताव बनाया।

एनपीटीआई बनाए डीपीआर

इसके साथ ही जारी निविदा के बाद न्यूनतम पैकेज मूल्य के आधार पर डीपीआर बनाने का कार्य एनपीटीआई (नेशनल पावर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट), फरीदाबाद को आवंटित किया गया। शर्त थी कि संस्थान को करीब 58.38 लाख धनराशि 10 प्रतिशत परफार्मेस सिक्योरिटी एवं 34.69 प्रतिशत अतिरिक्त परफार्मेस सिक्योरिटी के रूप में जमा करनी होगी। हालांकि संस्थान अतिरिक्त राशि जमा करने से मना कर दिया, क्योंकि एनपीटीआई एक सरकारी संस्थान है। अब पीवीवीएनएल के प्रबंध निदेशक के। बालाजी ने यूपीपीसीएल से अनुरोध किया है कि वाराणसी में डीपीआर बनाने एवं कार्य शीघ्र पूर्ण जाने के लिए एनपीटीआई को सहूलियत दिया जाना जरूरी है। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद मात्र 10 फीसद परफार्मेस सिक्योरिटी जमा करा कर समय से कार्य शुरू हो सकता है।

---एक नजर

362

करोड़ रुपये में ही पहले फेज का कार्य

125

करोड़ रुपये में दूसरे फेज का कार्य प्रगति पर

2000

करोड़ रुपये में होगा बाकी बचे हिस्सों में कार्य

3.60

लाख हैं शहर में कुल उपभोक्ता, जिनको मिलेगा लाभ

आईपीडीएस के तहत बचे शहर के हिस्सों में होने वाले कार्य में करीब दो हजार करोड़ खर्च होंगे। सभी ओवर हेड वायर को एचटी व एलटी केबल से अंडग्राउंड किए जाएंगे।

के। बालाजी, एमडी-पीवीवीएनएल

Posted By: Inextlive