वेंडरों के खिलाफ नो बिल नो पेमेंट की नीति लागू करेगा रेलवे

ओवर रेट वसूलने पर होगी कार्रवाई, कंप्लेन पर लाइसेंस होगा निरस्त

आगरा. वेंडरों द्वारा खाद्य पदार्थो पर पैसेंजर्स से ओवररेट वसूली पर लगाम लगाने के लिए रेलवे अब नो बिल-नो पेमेंट की नीति लागू करने जा रहा है. ऐसा वेंडरों के खिलाफ लगातार ओवररेट वसूलने की कम्प्लेन पर कवायद की जा रही है. शुरुआत में ये व्यवस्था रेलवे के प्लेटफॉर्म पर लागू होगी. ऐसे में यदि कोई पैसेंजर्स वेंडर द्वारा बिल न देने की कंप्लेन करता है, तो उसका लाइसेंस भी निरस्त किया जा सकेगा.

कड़ाई से होगा अनुपालन- डीसीएम

वेंडर की मनमानी पर कड़ाई से रोक लगाई जाएगी. इस बारे में आगरा मंडल के डीसीएम संजीव कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कोई भी वेंडर ओवररेट नहीं वसूल सकेंगे. इसके लिए सभी इंस्पेक्टर को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. इसके लिए पॉलिसी है. हर महीने ओवर रेट की कंप्लेन मिलने पर जुर्माना लगाया जाता है. लगातार कंप्लेन मिलने पर उनका लाइसेंस भी निरस्त किया जा सकता है.

पैसेंजर्स को किया जाएगा जागरूक

डीसीएम संजीव कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पैसेंजर्स को इसके लिए जागरूक किया जाएगा. प्लेटफॉर्म पर इसका एनाउसमेंट कराया जाएगा कि वे कोई भी केटरिंग का सामान लें तो वेंडर से बिल की मांग अवश्य करें. नहीं देने पर इसकी कंप्लेन करें.

ट्रेन स्टॉपेज के समय करते हैं गड़बड़ी

रेलवे सूत्रों की मानें तो जब भी एक्सप्रेस ट्रेन प्लेटफॉर्म पर रुकती है तो पैसेंजर्स को खाद्य पदार्थो व पानी की बोतल लेने की जल्दी होती है. इस दौरान वे बिल नहीं ले पाते हैं. उसी दौरान वेंडर गड़बड़ी करते हैं. इस बारे में डीसीएम ने बताया कि दो शिफ्टों में वेंडर काम कर रहे हैं.

अभी तक पकड़े जा चुके हैं 7583 वेंडर

गत वर्ष पूरे एनसीआर में 7583 वेंडर पकड़े गए थे. अवैध वेंडरों और दलालों पर निगरानी के लिए मंडल प्रबंधकों के कक्षों में आईपी आधारित सीसीटीवी लगाए जाने की व्यवस्था के भी निर्देश हैं. इससे इन पर सीधी नजर रखी जा सके. इसकी ऑनलाइन मॉनीटरिंग की जा सके.

ट्रेनों में सामान चोरी करने में भी मिली है संलिप्तता

अनाधिकृत वेंडरों की ट्रेन में सामान चोरी करने में भी संलिप्तता मिली है. ये वेंडर के रूप में ट्रेनों में एंट्री करते हैं. गत वर्ष में रेलवे ने आगरा मंडल में 815 फर्जी वेंडर दबोचे थे. अनाधिकृत वेंडर को पकड़कर इनके खिलाफ कार्रवाई की थी. ये ट्रेन में सामान बेचने के बहाने से चढ़ जाते थे. उसी दौरान पैसेंजर्स के सामान को ताक लेते हैं और नजर बचते ही गायब कर देते हैं. इनके स्टेशन के हिसाब से स्पॉट निर्धारित होते हैं.

Posted By: Vintee Sharma