- केंद्रीय भू विज्ञान मंत्री डॉ। हर्ष वर्धन बोले, मौसम के बेहतर पूर्वानुमान के लिए 'हवा' में रिसर्च कर रहे वैज्ञानिक

LUCKNOW: मौसम विभाग अब सिर्फ टम्प्रेचर बताने और अक्सर फेल होने वाली भविष्यवाणी नहीं करेगा। अब आने वाले दिनों में यह विभाग सटीक जानकारी के लिए जाना जाएगा। मंगलवार को लखनऊ पहुंचे केंद्रीय भू विज्ञान मंत्री डॉ। हर्ष वर्धन अग्रवाल ने बताया कि नेशनल मानसून मिशन के तहत मौसम के पूर्वानुमान को सुधार करने का प्रयास किया जा रहा है। इंडो-यूके ज्वाइंट एफर्ट से दोनों देशों के वैज्ञानिक इस पर पिछले सवा दो महीने से रिसर्च कर रहे हैं। इसके लिए यूके से एक खास एयरक्राफ्ट बीएई 146-301 एटमॉसफेरिक रिसर्च एयरक्राफ्ट पिछले सवा दो महीनों से अलग-अलग स्थानों के चक्कर लगा रहा है। वैज्ञानिक उपकरणों से लैस यह स्पेशल क्राफ्ट काफी नीचे लगातार उड़ान भर सकता है। मंगलवार को खुद हर्ष वर्धन ने पांच सौ मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरी और मौसम विज्ञान से संबंधित इक्यूपमेंट से लैस इस क्राफ्ट के बारे में जानकारी हासिल की।

ब्लॉक लेवल पर मिल जानकारी

डॉ। हर्ष वर्धन ने बताया कि आने वाले समय में ब्लॉक स्तर पर मौसम की सटीक जानकारी हासिल हो सकेगी। इससे किसानों को काफी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि मौसम से जुड़ा कोई भी प्रिडक्शन सीधे किसानों के मोबाइल पर भेजा जाने लगा है। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में साढ़े 11 मिलियन किसानों को मोबाइल पर मैसेज के थ्रू जानकारी दी जा रही है जिससे वह अपनी फसलों के बचाव कर रहे हैं। यही वजह है कि देश की जीडीपी पर इसका पाजिटिव असर पड़ा है।

चार सौ करोड़ का बजट

डॉ। हर्षवर्धन ने बताया कि अर्थ साइंस मंत्रालय के लिए पांच सालों में चार सौ करोड़ का बजट है। जिसमें इस डिपार्टमेंट की स्थिति को सुधारने की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में मौसम की जानकारी और बारीकी से देने में हम कामयाब होंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में यूके की तर्ज पर इंडिया का अपना वैज्ञानिक उपकरणों से लैस क्राफ्ट होगा। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य प्युपिल सेंट्रिक रिसर्च सेंटर बनाना है। जिससे लोगों को अधिक से अधिक मदद मिल सके।

Posted By: Inextlive