- चारबाग रेलवे स्टेशन पर वाई फाई का एक साथ आठ हजार यात्री उठाएंगे लाभ

- वाटर वेडिंग मशीनों से मिलेगा यात्रियों को साफ और सस्ता पानी

- मैकेनाइज्ड लांड्री भी शुरू, मिलेगी साफ बेडशीट, टॉवल और ब्लैंकेट

- लखनऊ जंक्शन पर वाई-फाई के साथ ही एकीकृत सुरक्षा प्रणाली

LUCKNOW: चारबाग रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्रियों ने शुक्रवार को वाई फाई की सुविधा का लाभ उठाया। शुक्रवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यहां पर वाई फाई के साथ ही आलमबाग डीजल शेड की क्षमता विस्तार, स्वंय चलित दुर्घटना राहत, चिकित्सा वाहन, वॉटर वेडिंग मशीन और लखनऊ जंक्शन पर वाई फाई के साथ ही एकीकृत सुरक्षा प्रणाली की शुरुआत की। इस मौके पर रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा, मेयर दिनेश शर्मा, संसद सदस्य कौशल किशोर और डीआरएम एनआर एके लाहोटी मौजूद रहे। यहां पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पांच योजनाओं की शुरुआत की। इसका फायदा भी लोगों को मिलना शुरू हो गया।

फ्री रहेगी वाई-फाई की सुविधा

चारबाग स्टेशन का वेटिंग एरिया, सर्कुलेटिंग एरिया, टिकट विंडो और सभी प्लेटफार्म पर अब वाई-फाई सुविधा शुरू हो गई। गूगल और रेलटेल की देखरेख में शुरू हुए वाई फाई के लिए किसी तरह का कोई शुल्क यात्री से नहीं लिया जाएगा। रेलवे प्रशासन के अनुसार चारबाग रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को पहले एक घंटे में वाई-फाई सेवा में मिलने वाली स्पीड गजब की मिलेगी जबकि उसके बाद यह स्पीड कम हो जाएगी। बता दें कि यह सुविधा एक साथ आठ हजार लोग यूज कर सकेंगे। इसके लिए 150 नेट बॉक्स लगाए गए हैं।

ऐसे यूज होगा वाईफाई

स्टेशन पहुंचने के बाद रेल यात्री वाई-फाई सेटिंग्स को सेलेक्ट करें और RailWire नेटवर्क और तब railwire.co.in पर अपना ब्राउजर खोलें। अब वाई फाई लॉग इन स्क्रीन पर अपना फोन नंबर एंटर करें। इसके बाद एक एसएमएस आ जाएगा। एसएमएस से फोर डिजिट का ओटीपी कोड मिलेगा। यह कोड वाई फाई लॉगइन पर एंटर करें और उसके बाद डन कर दें। इसके बाद आपको चेकमार्क दिखेगा जिससे पता चलेगा कि आप तेज फ्री वाई फाई से कनेक्टेड हैं।

दुर्घटना राहत चिकित्सा वाहन

इस चिकित्सा वाहन में तीन कोचेज हैं। इसमें पहले कोच में कम घायलों को बैठाने की व्यवस्था थी तो इसके दूसरे हिस्से में 12 गंभीर रूप से घायल पेशेंट को लिटाए जाने के लिए बेड मौजूद थे। इस ट्रेन में दुर्घटनाओं के बाद यूज किए जाने वाले कई औजार था। इसमें तीन तरह के औजार शामिल है। हाड्रोलिक कटर, इलेक्ट्रिक और प्लाज्मा कटर मौजूद है। इसके अलावा पटरी से उतरे कोचेज को वापस पटरी पर रखे जाने के लिए भी इसमें कई इक्यूपमेंट मौजूद हैं। ट्रेन के अंदर ही एक छोटा ऑपरेशन थियेटर भी बना हुआ है। यहां पर छोटे ऑपरेशन आसानी से किए जा सकते हैं। इसके अलावा कम्प्यूटर, वायरलेस और कैमरा भी इसमें मौजूद हैं। जिससे घटना स्थल से सभी रिपोर्ट तुरंत ही भेजी जा सके।

रफ्तार भी कुछ खास

इस ट्रेन की खासियत यह भी है कि इसके संचालन के लिए अलग से इंजन की आवश्यकता नहीं है। इसमें चार ट्रांसमिशन लगे हैं। इसे सिंगल ट्वीन पॉवर पैक द्वारा चलाया जा सकता है। इसकी अधिकतम स्पीड 105 किमी प्रति घंटा है।

वॉटर वेडिंग मशीन

चारबाग रेलवे स्टेशन पर दस वॉटर वेडिंग मशीनें लगाई गई हैं। इनसे 24 घंटे पानी की सप्लाई दी जाएगी। जिनके पास पानी के लिए कोई डिब्बा या बोतल नहीं है तो उनको भी यहां पर पानी की सुविधा मिलेगी। बस पानी की बोतल के लिए अलग से शुल्क देना होगा।

पानी की मात्रा मूल्य बिना कंटेनर कंटेनर सहित

300 एमएल 1.00 2.00

500 एमएल 3.00 5.00

एक लीटर 5.00 8.00

दो लीटर 8.00 12.00

पांच लीटर 20.00 25.00

- अब यात्रियों को नहीं मिलेगी गंदी बेडशीट

मैकेनाइज्ड लांड्री शुरू होने से अब ट्रेनों में गंदी बेड शीट या फिर गंदे पिलो कवर की शिकायतें नहीं मिलेंगी। मैकेनाइज्ड लांड्री का काम देखने एसएससी दिनेश कुमार ने बताया कि लांड्री में एक शिफ्ट में एक टन की झमता होगी। फिलहाल इसे दो शिफ्टों में चलाया जा रहा है। यहां पर चादरें, तकिया के गिलाफ, मुंह पोछने और नहाने के तौलिय और परदों की धुलाई की जा रही है। एक दिन में चार हजार से अधिक चादरें, दो हजार से अधिक तौलियां की धुलाई हो रही है। मैकेनाइज्ड लांड्री में मौजूद सीडीएमई राजेश कुमार ने बताया कि अब यहां पर ब्लैंकेट को सेनेटाइज किये जाने की व्यवसथा है। इसे 50 डिग्री सेंटीगे्रट पर सेनेटाइज किया जाता है। इससे ब्लैंककेट से आने वाली स्मैल और गंदगी साफ हो जाती है।

- स्टेशन के हर चप्पे पर रहेगी नजर

लखनऊ जंक्शन पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए एकीकृत प्रणाली की शुरुआत हुई। इसके तहत रेलवे में यात्रियों का लगेज चेक करने के लिए एक स्कैनर लगा दिया गया है। सभी यात्रियों का लगेज यहां पर चेक किया जाएगा। इसके अलावा कि स्टेशन की सुरक्षा के लिए यहां पर 49 कैमरे लगाए जाने है जिनमें अब तक 24 कैमरे इंस्टाल किए गए हैं। प्लेटफार्म नम्बर छह पर छह कैमरे लगाए गए हैं। यहां से शताब्दी का संचालन किया जाता है। इसके लिए कंट्रोल रूम भी बनाया गया है जिसकी जिम्मेदारी सब इंस्पेक्टर आरती पाठक को दी गई है। कंट्रोल रूम से बैठकर सभी जगह नजर रखी जा सकेगी। खास बात यह है कि यहां से बैठकर स्कैनर से पास होने वाले लगेज भी दिखेगा। ऐसे में चूक की कोई गुंजाइश नहीं है। स्कैनर पर तीन जवानों की और कंट्रोल रूम में दो जवानों की डयूटी लगाई गई है।

Posted By: Inextlive