भारत में पिछले एक दशक के दौरान अल्पपोषित लोगों की संख्या में 6 करोड़ की कमी आई है। संयुक्त राष्ट्र यूएन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में कमजोर बच्चों की संख्या में भी कमी आई है लेकिन वयस्कों में मोटापा बढ़ा है।


संयुक्त राष्ट्र (पीटीआई)। सोमवार को 'द स्टेट ऑफ फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रिशन इन द वर्ल्ड रिपोर्ट' जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2019 में दुनिया भर में करीब 69 करोड़ लोग अप्लपोषित या भूखे हैं। यह संख्या वर्ष 2018 से एक करोड़ ज्यादा है। रिपोर्ट में भूख और कुपोषण खत्म करने को लेकर की दुनिया भर में किए जा रहे आधिकारिक अध्ययन को ध्यान में रखा गया है।भारत की कुल जनसंख्या की 14 प्रतिशत आबादी अल्पपोषित
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अल्पपोषित लोगों की संख्या में 6 करोड़ से ज्यादा की कमी दर्ज की गई है। 2004–06 के दौरान भारत में 24.94 करोड़ लोग अल्पपोषित थे जो घटकर 2017–19 के दौरान 18.92 करोड़ रह गए हैं। यदि इसे भारत की समूची जनसंख्या के प्रतिशत के तौर पर देखा जाए तो इसमें तकरीबन 7 प्रतिशत की कमी आई है। 2004-06 के दौरान भारत की कुल जनसंख्या के 21.7 प्रतिशत लोग अल्पपोषित थे जबकि 2017-19 में यह घटकर 14 प्रतिशत रह गई है।बेसिक चीजों और सेवाओं तक आसान पहुंच से मिली सफलता


रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्वी और दक्षिण एशिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं चीन और भारत में अल्पपोषित लोगों की संख्या में कमी आई है। हालात, इतिहास और विकास दर में भिन्नता होने के बावजूद दोनों देशों में अल्पपोषित लोगों की संख्या में कमी आना बड़ी बात है। रिपोर्ट के मुताबिक, लंबे समय तक आर्थिक विकास, विषमता में कमी और बेसिक चीजों और सेवाओं तक आसान पहुंच की वजह से ऐसा संभव हो पाया है।देश के अल्पपोषित बच्चों में कमी जबकि वयस्कों में बढ़ा मोटापाफूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन ऑफ द यूनाइटेड नेशंस (एफएओ), द इंटरनेशनल फंड फाॅर एग्रीकल्चर डेवलपमेंट (आईएफएडी), द यूनाइटेड नेशंस चिल्ड्रंस फंड (यूनीसेफ), द यूएन वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (डब्ल्यूएफपी) और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) ने संयुक्त रूप से इस रिपोर्ट को तैयार किया है। इसमें कहा गया है कि पांच साल से कम उम्र के अल्पपोषित बच्चों की संख्या में भी कमी आई है। 2012 में यह (6.20 करोड़) या 47.8 प्रतिशत थी जो 2019 में घट कर (4.03 करोड़) या 34.7 प्रतिशत रह गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2012-16 के दौरान वयस्कों में मोटापा बढ़ा है। 2012 में 2.52 करोड़ या 3.1 प्रतिशत वयस्कों में मोटापा था जो 2016 में बढ़कर 3.43 करोड़ या 3.9 प्रतिशत पहुंच गया है।एशिया में ज्यादा लेकिन अफ्रीकी देशों में तेजी से बढ़ रही भूख

अनीमीआ के कारण देश में प्रजनन उम्र (15–49) वाली महिलाओं की संख्या प्रभावित हुई है। 2012 में यह 16.56 करोड़ थी जबकि 2016 में यह बढ़कर 17.56 करोड़ हो गई है। 0–5 माह तक के शिशुओं के स्तनपान में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पांच माह तक के शिशुओं को सिर्फ स्तनपान कराने वालों की संख्या 2012 में 1.12 करोड़ थी जो 2019 में बढ़कर 1.39 करोड़ हो गई। एशियाई देशों में भूखे लोगों की संख्या ज्यादा है लेकिन अब यह अफ्रीकी देशों में तेजी से फैल रहा है। दुनिया भर में कोविड-19 महामारी की वजह से 2020 के अंत तक 13 करोड़ से ज्यादा लोग भूख से प्रभावित होंगे।

Posted By: Satyendra Kumar Singh