असलाह के शौकीनों में महिलाएं भी हुई शामिल

- नेता, बिजनेसमैन और रसूखदार परिवार की महिलाओं को चाहिए शस्त्र लाइसेंस

आगरा। शहर की करीब ढाई सौ महिलाओं को शस्त्र लाइसेंस की आवश्यकता है। यह आंकड़ा महिलाओं की दृष्टि से काफी बढ़ा है। करीब साढे़ छह हजार आए आवेदनों में ढाई सौ आवेदन महिलाओं ने किए हैं, इससे जाहिर है कि उन्हें सुरक्षा की दृष्टि से हथियार चाहिए। हालांकि अभी तक किसी महिला के लिए कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया है।

रसूखदार परिवार की हैं महिलाएं

रसूखदार और बिजनेसमैन परिवार की महिलाओं ने आत्मरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस लिए जाने का निर्णय लिया है। बढ़ते महिला अपराधों को ध्यान में रखते हुए महिलाओं ने आत्मरक्षा के लिए गन का लाइसेंस दिए जाने की डीएम से मांग की है। ये बात अलग है कि डीएम ने अभी तक किसी का भी लाइसेंस जारी नहीं किया है। ऐसा नहीं है कि लाइसेंस के शौकीनों ने लाइसेंस जारी किए जाने के लिए डीएम पर राजनैतिक दबाव न बनाया हो।

6500 आए हैं आवेदन

करीब छह साल बाद शस्त्र लाइसेंस से हटी रोक के बाद जब आवेदन प्रक्रिया शुरू हुई तो मानो बाढ़ सी आ गई। दे दनादन करीब 6500 आवेदन आ गए। इनमें करीब ढाई सौ महिलाओं ने भी आवेदन किए हैं।

दो प्रतिशत ही हैं महिलाएं लाइसेंधारी

जनपद में अभी तक करीब 47 हजार लाइसेंस हैं, जिसमें करीब दो प्रतिशत महिलाओं के पास शस्त्र लाइसेंस हैं। हाल में हटी रोक के बाद आए शस्त्र लाइसेंस के आवेदनों में महिलाओं के आवेदनों में करीब तीन प्रतिशत का इजाफा हुआ है। बेशक सरकारें महिलाओं की सुरक्षा के लिए कितनी भी कटिबद्ध क्यों न हो, बावजूद इसके महिलाओं ने आत्मरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन किए हैं। योगी सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो सेल का गठन किया है। इसके साथ ही ट्रोल फ्री नम्बर 1090 को और प्रभावी बनाया है। बावजूद इसके महिलाएं स्वयं अपनी रक्षा के लिए मुस्तैद हैं।

वारिसान में भी बढ़ी दावेदारी

नए लाइसेंस के साथ ही वारिसान के मामलों में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। इस साल हुए वारिसान के लाइसेंस के मामलों में भी करीब दो प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। पति की मृत्यु या बुजुर्ग होने के बाद बेटे या बेटियों की जगह पत्नी ने असहले का मालिकाना हक लेने में दिलचस्पी दिखाई है।

- 47 हजार लाइसेंसी मौजूद हैं जिले में

- दो प्रतिशत महिलाओं के पास हैं लाइसेंस

- करीब चार प्रतिशत महिलाओं ने किए हैं आवेदन

- 6500 आए हैं नए आवेदन

- अभी तक एक भी नया लाइसेंस नहीं हो सका है जारी

सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी छेड़छाड़ की घटनाएं थम नहीं रही हैं। आए दिन महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं की जानकारी समाचार पत्र और टीवी चैनलों में देखने को मिलती है। शायद इसी को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से महिलाओं के आवेदनों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।

कुंवर शैलराज सिंह

एडवोकेट

ये सही बात है कि योगी सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को गंभीरता से लेते हुए सख्त कदम उठाए हैं। बावजूद इसके घटनाएं रुक नहीं रही हैं। रेप की घटनाएं रुक नहीं रही हैं। महिलाएं विजिट व अन्य कार्य से रात के वक्त भी बाहर जाती हैं। इसी को देखते हुए खुद की सुरक्षा के लिए महिलाएं शस्त्र लाइसेंस के लिए आगे आ रही हैं।

प्रियंका मिश्रा

एडवोकेट

Posted By: Inextlive