-पीएमसीएच गेट के सामने ही दिनभर किया स्ट्राइक, हॉस्पीटल ऑथरिटी ने नहीं की बात

- शाम में सुपरिटेंडेंट ने बातचीत के लिए बुलाया, पर नर्से नहीं आयी

PATNA: पीएमसीएच में कांट्रैक्ट नर्सो ने सर्विस रेग्यूलराइजेशन की मांग करते हुए कैंपस में दिनभर स्ट्राइक किया.इससे पीएमसीएच की धड़कन रुक गई है। हेल्थ सर्विस बूरी तरह से ठप हो गयी। इमरजेंसी से लेकर वार्ड तक सभी जगह नर्सो की कमी के कारण पेशेंट्स को दवा और स्लाइन चढ़ाने व उतारने की परेशानी से दो-चार होना पड़ा। इमरजेंसी में मात्र तीन नर्से ड्यूटी पर दिखीं। वहीं टाटा वार्ड में केवल एक और गुजरी वार्ड में तीन नर्से। यह हाल था मार्निग शिफ्ट में। नर्सो ने स्ट्राइक को सफल बनाने के लिए हर किसी को अटेंडेंस बनाने से भी रोका।

पांच साल के डायरिया पेशेंट को नहीं चढ़ा स्लाइन

वैशाली से आयी शीतल देवी का पांच साल का बेटा रतन को डायरिया है। पेडियाट्रिक वार्ड में एडमिट रतन को स्लाइन चढ़ाने के लिए कहने के लिए हर बार उसकी मां नर्सेस ड्यूटी रूम के पास जाती और निराश होकर लौट जाती। क्योंकि सीमित संख्या में ड्यूटी पर तैनात नर्से उसे वहां नहीं मिली। इंतजार में उसका घंटों बीत गया। अंत में उसे मासूम को लेकर यहां से निकलना पड़ा। यह तो सिर्फ एक उदाहरण है। इसी प्रकार से इमरजेंसी वार्ड में एडमिट मुख्तार अहमद, जो कि पैरालिसिस से पीडि़त हैं, को कोई दवा देने वाला नहीं है। खैर, जहानाबाद से आए उनके फैमिली में कई लोग हैं, जो हर पल उनके साथ बने हुए हैं।

नर्से जिद पर अड़ी रहीं

स्ट्राइक कर रही नर्सो को इवविंग में सुपरिटेंडेंट डॉ लखींद्र प्रसाद ने अपने केबिन में बातचीत के लिए बुलाया लेकिन नर्सो ने तुरंत नोटिफिकेशन कर रेग्यूलराइजेशन की मांग पर अड़ी रही। बातचीत करने कोई नहीं आयी। इससे पहले सुपरिटेंडेंट डॉ लखींद्र प्रसाद प्रिंसिपल सेक्रेट्री से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि बिहार स्टाफ सलेक्शन कमीशन आठ अक्टूबर से नर्सो का इंटरव्यू लेकर उन्हें बहाल करेगा। इस संबंध में हर आवश्यकताओं के बारे में नर्सो को पहले से ही जानकारी है। जहां तक सर्विस को नोटिफिकेशन के तहत रेग्यूलराइज करने की मंाग है। यह मेरे अधिकार क्षेत्र से बाहर की चीज है। आखिर हर किसी को जॉब के लिए एक प्रासेस को फॉलो करना पड़ता है।

मार्निग से ही जाने लगे थे पेशेंट्स

नर्सो ने स्ट्राइक की अनाउंसमेंट पहले से ही कर दी गई थी। इसके लिए जगह-जगह बैनर व पोस्टर पहले से ही चिपका दिया गया था। जिन्हें बाद में जानकारी मिली वे उलटे पांव लौट गए। हालांकि इमरजेंसी में खाली बेड की तस्वीरें लेते न्यूज फोटोग्राफर को वहां मौजूद एक नर्स ने कहा कि यहां के पेशेंट को अभी वार्ड शिफ्ट कर दिया गया है। जबकि ओपीडी और इमरजेंसी दोनों में ही आम दिनों की तुलना में कम पेशेंट्स रिजस्टर्ड दिखे। पीएमसीएच में नर्सिग सर्विस बुरी तरह से चरमरा गयी। कान्ट्रेक्ट की म्फ्भ् नर्सो के स्ट्राइक पर चले जाने से पर्मानेंट सीनियर नर्सो के भरोसे पूरा हॉस्पिटल चला।

नर्सों के रेग्यूलराइजेशन के मामले हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। नर्सो ने कोई बातचीत नहीं की। आखिर जॉब प्रासेस में तो हर किसी को आना ही पड़ेगा।

-डॉ लखींद्र प्रसाद, सुपरिटेंडेंट पीएमसीएच

हमलोग आठ साल से यहां काम कर रहे हैं। इनमें कई ऐसे हैं जो कुछ समय बाद रिटायर्ड हो जाएंगे। हमलोगों की एकसूत्री मांग है। हमें बस सर्विस रेग्यूलराइजेशन चाहिए। कोई इंटरव्यू या टेस्ट नहीं देंगे।

-प्रमिला, महासचिव, बिहार कान्ट्रैक्ट नर्सेस एसोसिएशन, ग्रेड ए

Posted By: Inextlive