- नर्सेज हड़ताल का गंभीर मरीजों पर पड़ रहा प्रभाव

- पीजीआई में तीन दर्जन, केजीएयमू में 100 से ज्यादा ऑपरेशन टले

- पीजीआई में नए मरीजों की भर्ती और रजिस्ट्रेशन किया गया बंद

LUCKNOW: राजधानी के अस्पतालों में लगातार दूसरे दिन भी नर्सो की हड़ताल जारी रही। ऐसे में अब खासा असर मरीजों पर दिखने लगा है। एसजीपीजीआई में बड़ी संख्या में मरीजों को जबरिया डिस्चार्ज कर दिया और हमेशा फुल रहने वाला 18 बेड का आईसीयू वार्ड खाली हो गया। इतना ही नहीं, केजीएमयू, लोहिया और पीजीआई में 150 से ज्यादा ऑपरेशन टालने पड़े।

ओटी में लटका ताला

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में संशोधन और ग्रेड पे बढ़ाने की मांग को लेकर राजधानी के सरकारी अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में नसरें की हड़ताल के कारण ज्यादातर ओटी पर तो ताला पड़ गया है। लोहिया अस्पताल में 17 और बलरामपुर में चार ऑपरेशन टालने पड़े हैं। वहीं, एसजीपीजीआई में शनिवार से रजिस्ट्रेशन बंद कर दिए गए हैं। फिलहाल यहां नए मरीजों की भर्ती नहीं की जा रही है, जिससे गंभीर मरीजों के लिए समस्या खड़ी हो गई है। पीजीआई प्रशासन और नर्सिंग संवर्ग के नेताओं की एक अहम बैठक शनिवार दोपहर को चिकित्सा अधीक्षक प्रो। अमित अग्रवाल, संयुक्त निदेशक प्रशासन प्रो। उत्तम सिंह, रजिस्ट्रार प्रो। शालीन कुमार के साथ हुई, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला, जिससे हड़ताल जारी है।

200 सेवानिवृत्त नसरें को बुलाया

नर्सो की हड़ताल की स्थिति से निपटने के लिए अस्पतालों की ओर से संविदा पर काम करने वाली, प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों से और रिटायर हो चुकी 200 नसरें को बुला लिया गया है। यह नर्से हड़ताल का असर कम करेंगी। सबसे ज्यादा परेशानी एसजीपीजीआई, केजीएमयू और सरकारी अस्पतालों में हो रही है। उधर विभिन्न अस्पतालों में फार्मासिस्टों की छुट्टिया कैंसिल करके इंटर्न डॉक्टर्स के साथ ड्यूटी पर लगाया गया है। बलरामपुर, लोहिया अस्पताल प्रशासन ने सभी कर्मचारियों के अवकाश को निरस्त कर दिया है।

बिना सर्जरी के ही कर दी छुट्टी

पीजीआई में मुंशीपुलिया निवासी हसरत हुसैन डायबटिक फुट के कारण के संस्थान के इंडो सर्जरी वार्ड में भर्ती हुए थे। मंगलवार को सर्जरी हुई और एक हफ्ते बाद छुट्टी होनी थी, लेकिन शनिवार को देखरेख के अभाव में जबरिया डिस्चार्ज कर दिया गया। ऐसे ही कई अन्य मरीजों को भी अस्पतालों में से छुट्टी कर दी गई।

सोमवार से और बिगड़ेगी हालत

नर्सिंग नेता सुनीता सिंह, रेखा मिश्रा, सीमा शुक्ला और नर्सेज संघ के अशोक कुमार ने कहा कि नर्सेज की हड़ताल मांगे पूरी न होने तक जारी रहेगी। ऐसा ही रहा तो मंगलवार के बाद से आंदोलन उग्र रूप ले लेगा। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि सोमवार से नर्से काम पर न लौटीं तो इलाज की व्यवस्था चरमरा जाएगी।

नर्से कुछ अस्पतालों में आंशिक रूप से हड़ताल पर हैं। जिनकी जगह पर कांट्रैक्ट पर नर्सो और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ को लगाया गया है। एस्मा का कोई प्रस्ताव नहीं है। हड़ताली नर्सो के खिलाफ नियमों के मुताबिक एक्शन के लिए अस्पतालों को निर्देश दे दिए गए हैं।

- डॉ। सुनील कुमार श्रीवास्तव,

डीजी हेल्थ

Posted By: Inextlive