अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बहुत सावधानी से अपने लव्जों को चुनते हुए क्लियर किया की यूएस और उसकी सर्पोटिंग कंट्रीज की लड़ाई इस्लाम के खिलाफ नहीं है बल्कि उन लोगों के खिलाफ है जिन्होंने इस्लाम को गलत तरह से डिफाइन किया है.

अमेरिका के प्रेसिडेंट बराक ओबामा ने व्हाइट हाउस में ऑग्रेनाइज "हिंसक चरमपंथ से मुकाबला" सब्जेक्ट पर एक शिखर सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि आईएसआईएस और अल कायदा जैसे ग्रुप जो खुद को धर्म की रक्षा करने वाले जेहादी बताते हैं वे अपने गलत कामों को सही साबित प्रूव करना चाहते हैं. ओबामा ने इस दौरान ये क्लियर किया कि उनकी और अमेरिका के सारे सहयोगी देशों की लड़ाई इस्लाम से नहीं है बल्कि उन लोगों से है जिन्होंने इस्लाम को अपनी कन्वीनिंयस के लिए गलत तरीके डिफाइन किया है.
प्रेसिडेंट ने ये भी कहा कि इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा जैसे टैरेरिस्ट ग्रुप क्योंकी अपनी पॉवर चाहते हैं इसलिए खुद को सही बताने के लिए बेचैन हैं और अपने को रिलीजियस लीडर्स और इस्लाम को प्रोटेक्ट करने वाले जेहादी के तौर पहचाने जाने की कोशिश करते हैं. ओबामा ने कहा कि इसीलिए आईएसआईएस खुद को इस्लामिक स्टेट कहता है और शोर मचाता हे कि अमेरिका और बाकी वेर्स्ट्न कंट्रीज की लड़ाई इस्लाम से है. 

ओबामा ने तीन दिन की इस मीटिंग में कहा कि जब ऐसे ग्रुप्स उनके वायलेंट अटैक के खिलाफ स्टैंड लेने वालों को इस्लाम और इस्लामिक वैल्यूज के अगेंस्ट बताते हैं तो लोगों को उनकी बातों पर बिलकुल बिलीव नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह झूठ हैं. लोंगों को इस बात पर भी बिलीव नहीं करना चाहिए कि वे रिलीजियस लीडर या रिलीजन के प्रोटेक्टर हैं क्योंकि वो यही चाहते हैं. वे टैरेरिस्ट हैं यही उनकी पहचान है.
इस सम्मेलन में भारत सहित वर्ल्ड की 60 से ज्यादा कंट्रीज पार्टिसिपेट कर रही हैं. ओबामा ने कहा कि वे मुस्लिम रिलिजन की रेस्पेक्ट करते हैं और उसके मिस इंटरप्रेटेशन के खिलाफ हैं.

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Posted By: Molly Seth