- चेकिंग के बाद सामने आया सच, ठेकेदारों को पैसों से मतलब

LUCKNOW :बादशाह नगर से चोरी लग्जरी गाडि़यों के केजीएमयू की पार्किंग में बरामद होने के बाद शहर की पार्किंग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गये हैं। सोमवार देररात गाडि़यां चोरी होने सकते में आई पुलिस ने जब शहर के कई पार्किंगों में छानबीन की तो कई गंभीर तथ्य निकलकर सामने आई। मसलन सरकारी पार्किंगों का यूज अब आम लोगों से ज्यादा कार बाजार वाले कर रहे हैं। वह यहीं पर अपनी गाडि़यां पार्क करते हैं और सभी गतिविधियां संचालित करते हैं। यहीं नहीं पब्लिक के लिए बनने वाले मासिक पास को कार बाजार वालों को नहीं बनवाना पड़ता है। उन्हें सादे कागज में पास बनाकर दिया जाता है। ताकि इसका कोई रिकॉर्ड नहीं होता। जिससे एलडीए व नगर निगम को हर वर्ष लाखों रुपये का चूना लग रहा है।

पार्किग में कार बाजार की गाडि़यां

गौरतलब है कि बीते जुलाई में शहर की पार्किगों में जगह न होने की वजह से बाजारों में सड़कों पर गाडि़यां खड़ी होने की शिकायतें लगातार आ रही थी। यह जाम की बड़ी वजह सामने आ रही थी। एसएसपी कलानिधि नैथानी अनुसार एलडीए और नगर निगम की पार्किगों में कार बाजार वालों की गाडि़यां खड़ी करवाकर मोटी कमाई की जा रही हैं।

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छापे में खुला था सच

पार्किंग में चल रहे फर्जीवाड़े का सच पता लगाने के लिए बीती जुलाई में तत्कालीन एएसपी अभिषेक वर्मा ने एक माह की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट एसएसपी कलानिधि नैथानी ने दी थी। रिपोर्ट के आधार पर डीएम आवास के सामने बनी सरोजनी नायडू पार्किग में छापेमारी की। पार्किग में कार बाजार वालों की सौ से ज्यादा गाडि़यां खड़ी मिली थी। ठेकेदार ने इन गाडि़यों के लिए अलग से पास जारी किए थे, जिनका विवरण एलडीए के पास नहीं पहुंचता था।

क्या हैं पार्किग के नियम

- सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक ही वाहन खड़े किये जा सकते हैं

- जिसका मासिक पास 600 रुपये में ही जारी होता है

दैनिक जारगण आई नेक्स्ट की पड़ताल

भूतनाथ मल्टी लेवल पार्किंग

महीनों नहीं सालों से धूल फांक रही

भूतनाथ स्थित मल्टी लेवल पार्किग में कई ऐसी गाडि़यां मिलीं जो कि महीनों से नहीं सालों से धूल फांक रही हैं। कई गाडि़यों में कवर लगा है तो कई बिना कवर के गाडि़यां काफी समय से खड़ी है। कार के साथ-साथ यहां कई बाइक भी खड़ी हैं जिसका कोई रिकॉर्ड स्टैंड संचालक के पास नहीं है।

सरोजनी नायडू पार्किंग

अब भी चल रहा गोरखधंधा

सरोजनी नायडू भूमिगत पार्किंग में सौ से ज्यादा गाडि़यां धूल खाती मिली थी। पूछताछ में कर्मचारियों ने बताया कि कार बाजार वालों की गाडि़यां है। ठेकेदार बिना रसीद दिए इनसे महीने भर का शुल्क ले रहा था। यह धंधा आज भी धड़ल्ले से चल रहा है। कस्टमर्स को पार्किग में गाड़ी दिखाई और चेक भी कराई जाती हैं।

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सादे कागज पर बना देते हैं पास

सूत्रों के मुताबिक गाडि़यों को जारी पास सादे कागज पर पास बनाकर दिए जाते है। इसकी जानकारी एलडीए को ना होने की वजह से पूरा पैसा बच जाता था। मात्र 1500 रुपये देकर कार बाजार वालों की गाडि़यां पूरे महीने यहां पर पार्क होती हैं। एसएसपी ने बताया कि सार्वजनिक पार्किग में रात 11 बजे के बाद कोई भी वाहन नहीं खड़ा किया जा सकता है।

Posted By: Inextlive