इसी साल अप्रैल में उत्तर कोरिया ने अपनी आर्मी की 85वीं सालगिरह मनाई थी। उत्तर कोरिया की आबादी मेडागास्कर से भी कम है लेकिन उसने अपनी बड़ी फौज तैयार कर रखी है। आर्मी की 85वीं सालगिरह पर जब उत्तर कोरिया ने विशाल सैन्य परेड का आयोजन किया तो यह बात पूरी तरह से गौण रही कि जब उत्तर कोरिया का गठन साल 1948 में हुआ तो उसकी सेना 85 साल पुरानी कैसे हो गई?

69 साल का उत्तर कोरिया और 85 साल की सेना?

दरअसल इसमें विसंगति इसलिए है क्योंकि उत्तर कोरिया अपनी आर्मी का गठन तब से मानता है जबसे उसने जापान के ख़िलाफ़ भिड़ना शुरू किया। कोरिया जापान का साल 1910 से 1945 के बीच उपनिवेश रहा था। जापान से 25 अप्रैल 1932 में आधिकारिक रूप से संघर्ष शुरू हो गया था।

जब अमरीका ने हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम फोड़ा तो यहां जापानी उपनिवेश का ख़ात्मा हुआ। इसके साथ ही दूसरे विश्व युद्ध का भी अवसान हुआ था।

हालांकि उत्तर कोरिया का जापान के ख़िलाफ़ संघर्ष इसके बाद भी ख़त्म नहीं हुआ था। किम-इल-सुंग वंश के मन में जापान को लेकर कटुता बनी रही। वर्तमान में उत्तर कोरिया के शासक किम-जोंग-उन भी इसी वंश के हैं।

 

रूस और अमरीका का प्रभाव

इसके बाद सोवियत की सेना ने कोरिया के उत्तरी भाग को अपने कब्ज़े में लिया और दक्षिणी हिस्से को अमरीका ने। इसके बाद उत्तरी और दक्षिणी कोरिया में साम्यवाद और 'लोकतंत्र' को लेकर संघर्ष शुरू हुआ।

आज की तारीख़ में दक्षिण कोरिया काफ़ी संपन्न राष्ट्र है जबकि उत्तर कोरिया किम राजवंश के शासन में दुनिया से लगातार अलग-थलग होता गया। 20वीं सदी का यह विभाजन आज भी दुनिया के लिए बड़े विवाद के रूप में कायम है।

जापान के शासन से मुक्ति के बाद साल 1947 में अमरीका ने संयुक्त राष्ट्र के ज़रिए कोरिया को एक सिंगल राष्ट्र बनाने की पहल की।

इसके बाद यूएन के आयोग की निगरानी में चुनाव कराने का फ़ैसला लिया गया। मई 1948 में कोरिया प्रायद्वीप के दक्षिण हिस्से में चुनाव हुआ। इस चुनाव के साथ ही 15 अगस्त को रिपब्लिक ऑफ कोरिया (दक्षिणी कोरिया) बनाने की घोषणा की गई।

विभाजन के बाद तनाव क्यों है?

दूसरी तरफ़ उत्तर कोरिया किम राजवंश के शासन में लगातार नीचे लुढ़कता रहा। यहां ग़रीबी और अकाल की हालत बद से बदतर होती गई। उत्तरी और दक्षिण कोरिया के विभाजन की दरार अभी ख़त्म नहीं हुई है।

साल 1968 में उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति की हत्या की नाकाम कोशिश की थी। साल 1983 में म्यांमार में एक धमाके का मामला सामने आया। इसमें 17 दक्षिण कोरियाई नागरिक मारे गए थे।

इस धमाके के तार उत्तर कोरिया से जोड़े गए। उत्तर कोरिया पर दक्षिण कोरिया के विमान पर बम बरसाने के आरोप लगे। दोनों देशों के बीच संघर्ष ख़त्म होकर भी ख़त्म नहीं हुआ।

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Posted By: Chandramohan Mishra