साफ नियत के साथ रोजा करें तो अल्लाह भी सुनता है दुआ

सुरक्षा के लिए घर पर अदा करें रमजान की नमाज

- रमजान माह में लॉकडाउन का पालन करना बेहद जरुरी

Meerut रमजान में रोजे रखने का मतलब ये नहीं की हम दूसरे को या खुद को परेशानी दें। लॉकडाउन के समय में घर से बाहर जाकर अपने आपको रिस्क में डालना भी ठीक नही है, जहां एक ओर शहरकाजी जैनुस साजिद्दीन मुस्लिम समुदाय के सभी लोगों को घर से बाहर न निकलने सलाह दे रहे हैं, वहीं उनके अनुसार रमजान में केवल मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ना जरुरी नही है, घर पर नमाज अदा की जा सकती है। साफ नियत के साथ रोजा करें तो अल्लाह भी दुआ सुनता है। अल्लाह का उसूल है कि किसी को परेशानी न हो, इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए।

घर पर करें नमाज

शहरकाजी जैनुस साजिद्दीन के अनुसार जरुरी नहीं है कि रमजान की नमाज मस्जिद में जाकर ही अदा करें। लॉकडाउन में घर से बाहर निकलने का मतलब खुद को रिस्क में डालना है, इसलिए घर पर रहकर नमाज करें। अपनी जिम्मेदारियों को भी साफ नियत से पूरा करें। ध्यान रहे कि आपके रोजे में किसी को परेशानी न हो, कारी शफीकुर्ररहमान कासमी के अनुसार रमजान की नमाज के लिए मस्जिद जाने की जरूरत नहीं है। आप जहां भी हों, नमाज अदा करें। बस दिल से और साफ नियत के साथ करें।

हमारी सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक की ड्यूटी होती है, सुबह सहरी करके आता हूं, घर से मास्क पहनकर ही ड्यूटी पर जाता हूं। घर में ही नमाज पढ़ता हूं, मेरे हिसाब से कुरान में भी कुछ ऐसा जिक्त्र नहीं है की हम दूसरों के लिए परेशानी बढ़ाकर नमाज अदा करें। जान है तो जहान है ये भी याद रखें। किसी की जान को खतरे में डालना ठीक नही है।

आले हैदर, आरएसओ

भारत मे कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से निपटने के लिए लॉकडाउन चल रहा है। इसी लॉकडाउन में रमजान का महीना भी प्रारंभ हो गया है। इस मुश्किल घड़ी में देश को इस महामारी से बचाने के लिए ये बहुत आवश्यक है कि हम लोग घर में रहकर अपनी नमाज अदा करें और घर से बाहर न निकलें।

डॉ। जेए सिद्दीकी

सीसीएसयू

Posted By: Inextlive