- आरटीओ में अधिकारियों के नाम पर उगाही कर रहे निजी कर्मचारी

Meerut। आरटीओ कार्यालय में आम आदमी के काम के लिए भले ही बाबूओं और कर्मचारियों की कमी हो लेकिन अगर आपको कोई काम रिश्वत देकर कोई कराना है तो आपको विभाग के गेट से लेकर अंदर काउंटर तक दर्जनों अनाधिकृत कर्मचारी मिल जाएंगे। ये कर्मचारी जिनको न तो विभाग में कोई पद मिला है और ना ही नियुक्ति है, लेकिन ये लोग अधिकारियों के स्तर के कई महत्वपूर्ण काम चुटकियों में करा देते हैं।

हेल्पर भी बने बाबू

एआरटीओ प्रशासन के कार्यालय के बाहर उनका एक निजी कर्मचारी ऑफिस टाइम में डयूटी पर मौजूद रहता है। हालांकि इस कर्मचारी का काम केवल मैडम की हेल्प करने का है लेकिन बावजूद यह निजी कर्मचारी ना सिर्फ लाइसेंस, परमिट और अन्य प्रमुख फाइलों की जांच और अन्य महत्वपूर्ण काम कराता है बल्कि सभी प्रकार के काम कराने का मोल भाव तक करता है, जबकि आधिकारिक रूप से कर्मचारी को कोई विभागीय जिम्मेदारी नही मिली हुई है।

बंद कमरे में

आरटीओ के कमरे के ठीक सामने एक बंद कमरे में निजी कंप्यूटर ऑपरेटर्स की मदद से विभागीय की गोपनीय फाइलों में फीडिंग की जाती है। ये वो निजी कर्मचारी हैं जो गत वर्ष कमिश्नर की छापेमारी के दौरान दलाली के आरोप में जेल भी जा चुके हैं। बताते चलें कि यह निजी कर्मचारी भी एआरटीओ के सॉफ्टवेयर को ऑपरेट करने के लिए रखा गया है।

बाबू बनी महिला चपरासी

हालत यह है कि विभाग में बतौर चपरासी तैनात महिला कर्मचारी को भी बाबू की कुर्सी मिली हुई है। इस महिला कर्मचारियों को केवल बाबू की मदद के लिए लगाया गया था लेकिन महिला फाइलों की जांच से लेकर साइन तक का काम करती है। गत माह महिला के खिलाफ शिकायत के बाद जांच भी लेकिन उसके बाद भी एक्शन नही हो रहा।

विभाग में कर्मचारियों की कमी के चलते कुछ निजी युवकों को अनुबंध के आधार पर काम पर रखा हुआ है लेकिन अनाधिकृत काम कोई नही कर रहा है यदि ऐसा है तो जांच और एक्शन किया जाएगा।

- डा विजय कुमार आरटीओ

Posted By: Inextlive