आई एक्सक्लूसिव

बेसिक स्कूलों में एक हजार शिक्षकों के पद रिक्त होने के बाद भी नहीं भेजा गया शासन को प्रस्ताव

लापरवाही के चलते शून्य घोषित हो गया जिला, नियुक्ति की चाह रखने वाले बीटीसी प्रशिक्षुओं को झटका

prakashmani.tripathi@inext.co.in

ALLAHABAD: बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों की लापरवाही से बीटीसी करके नियुक्ति की बाट जोह रहे हजारों प्रशिक्षुओं को तगड़ा झटका लगा है। जिले के बेसिक स्कूलों में रिक्त चल रहे शिक्षकों के पदों के लिए शासन ने प्रस्ताव मांगा था। बेसिक शिक्षा परिषद ने शासन को भेजे गए प्रस्ताव में रिक्त पदों की संख्या को शून्य बताया है, जबकि हकीकत यह है कि जिले के प्राथमिक स्कूलों में अभी भी लगभग एक हजार शिक्षकों के पद रिक्त हैं। अफसरों की इस लापरवाही से नौकरी की बाट जो रहे बीटीसी प्रशिक्षुओं में तगड़ा आक्रोश है।

प्रमोशन विवाद में सीटें अटकी

परिषदीय स्कूलों में तैनात सहायक शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों के प्रमोशन का मामला अटका हुआ है। प्राथमिक स्कूलों और जूनियर हाईस्कूलों में 720 सहायक अध्यापकों व प्रधानाध्यापकों के प्रमोशन का मामला अभी तक अटका हुआ है। इसके साथ ही एचआरए की श्रेणी में आने वाले आठ ब्लाक में प्रमोशन के दौरान सहायक अध्यापक व प्राथमिक हेड मास्टर के प्रमोशन का आप्शन ही नहीं दिया गया था। ऐसे में वहां भी सीटें रिक्त पड़ी हुई है। जबकि लगभग तीन सौ से अधिक शिक्षकों की सीटें पहले से रिक्त चली आ रही है। ऐसे में कुल मिलाकर लगभग एक हजार सीटें जिलें रिक्त है। उसके बाद भी रिक्तियों को लेकर भेजे गए प्रस्ताव में जिलें में रिक्तियों की संख्या को शून्य दिखाया गया है।

2009 से नहीं हुआ प्रमोशन

एक तरफ सूबे में जहां कई जिलों में 2013 बैच के शिक्षकों का प्रमोशन हो चुका है। वहीं जिले में 2009 के बाद से अभी तक शिक्षकों का प्रमोशन नहीं किया गया। ऐसे में शिक्षक दोहरी मार झेल रहे है। एक तरफ समय से प्रमोशन नहीं होने से शिक्षकों की सीनियारिटी पर असर पड़ रहा है। तो वहीं दूसरी ओर से उनकी सैलरी भी अभी पुराने पदों के अनुसार ही है। जबकि उनके साथ के अन्य शिक्षक जो दूसरे जिलों में तैनात है। वे उनसे अधिक लाभ उठा रहे है।

Posted By: Inextlive