257 संवेदनशील स्थानों पर पिकेट

150 महत्वपूर्ण रास्तों पर बैरीकेडिंग

95 फीसद दुकानें सुबह रहीं बंद

12 बजे के बाद खुलने लगी दुकानें

- संवेदनशील इलाकों में पुलिस और पैरा मिलेट्री फोर्स तैनात रही

- गलियों में सायरन बजाती पुलिस की बाइक दौड़ रही थीं

LUCKNOW: अयोध्या प्रकरण में शनिवार को फैसले का पूरा दिन शांतिपूर्वक गुजरा। न कहीं कोई विरोध हुआ और न अफवाह फैली। हालाकि सुबह रोड पर वाहनों की संख्या बेहद कम होने से सड़कें सूनसान ही दिखाई दीं। गली-मोहल्लों की दुकानों से लेकर मॉल तक बंद ही दिखाई दिए। संवेदनशील इलाकों में पुलिस और पैरा मिलेट्री फोर्स तैनात थीं वहीं गलियों में सायरन बजाती पुलिस की बाइक दौड़ रही थीं। हालांकि दोपहर एक बजे के बाद सड़कों पर भीड़ भी दिखाई देने लगी और दुकानें भी खुल गई। सुबह से दोपहर तक पुलिस और प्रशासन के अधिकारी पैदल मार्च करके लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाते रहे।

257 संवेदनशील स्थानों पर पिकेट

फैसले को लेकर पुलिस-प्रशासन के अधिकारी सतर्क थे और हर परिस्थिति से निपटने की उन्होंने तैयारी की थी। शुक्रवार रात से ही राजधानी की सीमाएं सील कर 257 संवेदनशील स्थानों पर पिकेट व 150 महत्वपूर्ण रास्तों पर बैरीकेडिंग की गई थी। पुराने लखनऊ समेत सांप्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिसबल और पैरा मिलेट्री फोर्स तैनात थीं। शनिवार सुबह से ही लोग घरों में बैठ टीवी ही देखते रहे।

डीएम और एसएसपी का साथ निकला काफिला

सुबह सवा 10 बजे से सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संबंधित खबरें आना शुरू हुई तो पुलिस-प्रशासन के अधिकारी सड़क पर निकल पड़े। डीएम अभिषेक प्रकाश और एसएसपी कलानिधि नैथानी हजरतगंज चौराहा पहुंचे और वहां तैनात पुलिसकर्मियों की सतर्कता का निरीक्षण कर उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दे आगे बढ़ गए। शहर का भ्रमण करते हुए दोनों अधिकारी पाटानाला चौकी पहुंचे जहां एडीजी जोन एसएन साबत, कमिश्नर मुकेश मेश्राम, आईजी रेंज एसके भगत, एएसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी, सीओ चौक दुर्गा प्रसाद तिवारी समेत प्रशासन के अन्य अफसर भी आ गए। यहां से अधिकारी इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम और 14 जोन, 98 सेक्टर व 216 सब सेक्टर में तैनात टीम से शहर के विभिन्न इलाकों की गतिविधियों के बारे में जानकारी लेते रहे।

मदेयगंज पहुंचे अफसर

दोपहर लगभग एक बजे अधिकारियों की टीम अलग-अलग दिशा में पैदल गश्त करने निकली। डीएम-एसएसपी हसनगंज के मदेयगंज पहुंचे और पुलिस टीम के साथ पैदल मार्च करते हुए लोगों से बातचीत कर माहौल को परखा। दोपहर दो बजते-बजते शहर के हालात सामान्य हो गए। पुराने लखनऊ में ई-रिक्शा व अन्य सवारी वाहन चलने से सड़क पर रौनक बढ़ गई और दुकानें भी खुलने लगीं।

दिखने लगी रौनक

बारावफात के अवसर पर संडे सुबह जुलूस की तैयारी के चलते मुस्लिम आबादी बहुल्य अकबरी गेट, नक्खास और मौलवीगंज की गलियों में चहल-पहल थी। शनिवार रात ही इन इलाकों में कई जगह पर जलसे भी होने थे इसलिए लोग सजावट कर रहे थे। शाम को इन एरिया में महिलाएं और बच्चे भी खरीदारी करने निकले।

काम आई रणनीति

अधिकारियों ने किसी भी जगह भीड़ इकट्ठा न होने देने की रणनीति बनाई थी जो काम आई। पुराने लखनऊ की किले जैसी घेराबंदी की गई थी। पाटानाला से अकबरी गेट ढाल होते हुए सआदतगंज के वजीरबाग, भोलानाथ कुआं, दरगाह हजरत अब्बास रोड (काजमैन रोड), घंटा बेग गढ़ैय्या, राजा बाजार, अशर्फाबाद, सआदतगंज का पुराना चबूतरा, हुसैनाबाद जैसे इलाकों में भीड़ एकत्र न होने देने के लिए गलियों और चौराहों पर पुलिस पिकेट तैनात थी। इन इलाकों की 95 प्रतिशत दुकानें बंद थीं इसलिए लोगों को अड्डेबाजी का मौका नहीं मिला। हर 10 मिनट में सायरन बजाती चीता मोबाइल चक्कर लगा रही थीं। ऐसे में चार-पांच के समूह में खड़े लोग भी तितर-बितर हो जाते थे।

बाक्स

फिर भी छूटे पटाखे

फैसले से उत्साहित होकर आतिशबाजी पर सख्ती से प्रतिबंध के आदेश थे, इसके बावजूद लोगों ने पटाखे फोड़े। इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम में आतिशबाजी की कई सूचनाएं आई। चौक चौराहा पर पुलिस चौकी के सामने ही एक युवक का पटाखा फोड़ते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। ठाकुरगंज के सरायमाली खां में दोपहर करीब 12 बजे लोगों ने पटाखे दागे। वायरलेस पर सूचना मिलते ही एसएसपी ने पुलिसकर्मियों को तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए। आधे घंटे बाद ही कमला नेहरू चौराहा के पास कुछ युवकों ने पटाखे फोड़े। धमाके की आवाजों से चौराहा पर तैनात पुलिसकर्मी मौके पर पहुंची लेकिन तब तक युवक रफूचक्कर हो चुके थे। हसनगंज में रामलीला मैदान के पास, दीनदयालनगर और मल्लाहीटोला में भी कुछ उत्साही युवकों ने आतिशबाजी की। इलाके के लोगों ने ही उन्हें समझाकर हटाया।

Posted By: Inextlive