उत्तर प्रदेश के बलिया में पीसीएस अधिकारी की आत्महत्या मामले में पुलिस ने मनियार नगर पंचायत के अध्यक्ष व उसके कार्यालय के कर्मचारियों पर केस दर्ज किया है। आरोप है कि ये लोग मृतका पर फर्जी भुगतान और गलत काम करने को लेकर दबाव बना रहे थे।


बलिया (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में एक 30 वर्षीय पीसीएस अधिकारी मणिमंजरी राय ने बलिया में अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर रही है। उनकी आत्महत्या के एक दिन बाद मनियार नगर पंचायत के अध्यक्ष भीम गुप्ता, करदाता विनोद सिंह, कंप्यूटर ऑपरेटर अखिलेश, कार्यकारी अधिकारी सिकंदरपुर संजय राव, एक ड्राइवर और कुछ अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ कोतवाली पुलिस स्टेशन में आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। मणिमंजरी राय मंगलवार को अपने आवास पर फांसी पर लटकी पाई गईं। इस संबंध में कोतवाली इंस्पेक्टर विपिन सिंह ने कहा कि मृतक पीसीएस अधिकारी के भाई विजयानंद राय ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद आईपीसी की धारा 306 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। ठेकेदार और कार्यालय के कर्मचारी मणिमंजरी राय पर दबाव डाल रहे थे
विजयानंद राय ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि एमएनपी के अध्यक्ष भीम गुप्ता, कुछ ठेकेदार और कार्यालय के कर्मचारी मणिमंजरी राय पर दबाव डाल रहे थे कि वे विकास कार्यों और भुगतानों के अनुबंधों में अनुचित तरीके अपनाएं। ऐसे में जब मेरी बहन ने विरोध किया तो ये लोग उससे नाखुश थे। वहीं मणिमंजरी ने दबाव महसूस किया तो उसने जिलाधिकारी से मुलाकात की और उनसे जिला मुख्यालय से संलग्न करने का अनुरोध किया। हालांकि जब उसने तीन महीने के बाद फिर से कार्य संभाला तो पता चला कि कई भुगतान उसके हस्ताक्षरों पर हुए हैं। दो करोड़ रुपये के विकास कार्य के लिए निविदाएं (टेंडर) मंगाई गई थीं, लेकिन एमएनपी बोर्ड ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित नहीं किया और निविदा प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी।पीसीएस अधिकारी मणिमंजरी राय को गुमनाम काॅल भी कराए जा रहे थेइसके बाद अध्यक्ष ने 35 कार्यों का प्रस्ताव तैयार किया और बिना टेंडर प्रक्रिया का पालन किए उस पर आदेश जारी करने का दबाव बनाने लगे। इनमें से 18 एक ठेकेदार को दिए गए थे। जब उन्होंने जिलाधिकारी हरि प्रताप शाही से शिकायत की, तो कार्यकारी अधिकारी सिकंदरपुर संजय राव ने भी अध्यक्ष के पक्ष में दबाव बनाने लगे थे। अधिकारी के भाई ने कहा कि अध्यक्ष और उनके लोगों के साथ मणिमंजरी का ड्राइवर भी इस मामले में शामिल था। उस पर दबाव बनाने के लिए कई गुमनाम कॉल किए गए थे। चेयरमैन और उनके गुर्गों ने उस पर गहरा दबाव डाला और वह आत्महत्या के लिए मजबूर हुई। मणिमंजरी को 2018 में मनियार नगर पंचायत के कार्यकारी अधिकारी के रूप में तैनात किया गया था। यह उनकी पहली पोस्टिंग थी।

Posted By: Shweta Mishra