RANCHI : शहर के चौक चौराहे पर हर दिन पुलिस और आम पब्लिक के बीच तकझक हो रही है। वजह है पुराना ड्राइविंग लाइसेंस। लोग अपने पर्स में पुराना लाइसेंस लेकर चल रहे हैं, लेकिन पुलिस के पास मौजूद इलेक्ट्रानिक चेकिंग डिवाइस में इसका वेरीफिकेशन ही नहीं हो पा रहा है। इस वजह से पुलिस व पब्लिक के बीच बहस की नौबत आ जा रही है। इस पर परिवहन विभाग ने आम लोगों से यह गुजारिश की है कि वो स्मार्ट कार्ड में अपने पुराने लाइसेंस को कनवर्ट करा लें। हालांकि इसे अभी मैनडेटरी नहीं किया गया है।

2009 के बाद स्मार्ट कार्ड जरूरी

रांची जिला परिवहन पदाधिकारी संजीव कुमार बताते हैं कि फरवरी 2019 में सरकार ने एक सर्कुलर जारी किया है। इसके अनुसार 2009 के बाद जितने ड्राइविंग लाइसेंस बने हैं वह स्मार्ट कार्ड में हैं, इसलिए इलेक्ट्रानिक डिवाइस में यह शो करता है। लेकिन 2009 से पहले जो डीएल जारी हुए हैं उनको स्मार्ट कार्ड में कनवर्ट कराने के लिए कहा गया है। ये डीएल जहां से भी डीएल इश्यू हुआ है वहां जाकर स्मार्ट कार्ड में इसे कनवर्ट कराया जा सकता है।

चौक-चौराहों पर हो रहे शर्मसार

पुराने ड्राइविंग लाइसेंस लेकर चलने वाले लोग इसके चलते अक्सर चौक -चौराहे पर शर्मसार हो रहे हैं। क्योंकि जिनके पास स्मार्ट कार्ड लाइसेंस है, पुलिस उनको छोड़ दे रही है। लेकिन जिनके पास मैन्युअल डीएल है उनको काफी बहस पुलिस के साथ करनी पड़ रही है। कोई अगर मैन्युअल डीएल का फोटो कॉपी लेकर कोई चल रहा है तो तो पुलिस उसको मानती नहीं है।

डेटाबेस ही अपडेट नहीं

वहीं एक प्रॉब्लम यह भी है कि चौक चौराहों पर पुलिस के पास जो इलेक्ट्रानिक डिवाइस है उसमें पुराने डीएल का कोई डाटा बेस ही स्टोर नहीं है। इसके कारण पुराना डीएल उसमें शो ही नहीं कर रहा है। पुलिस के पास जो डिवाइस है उसमें सिर्फ 2009 के बाद का डाटा ही शो करता है।

सरकार ने जारी किया यह नियम

सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन के रजिस्ट्रेशन के कागजात को साथ रखने की अनिवार्यता को खत्म कर अब यह नियम जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि इस प्रकार के सभी दस्तावेजों को डिजिलॉकर या एमपरिवहन प्लेटफॉर्म के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में प्रस्तुत किए जाने पर ही स्वीकार किया जायें। वहीं सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने कहा है कि अधिकारिक प्लेटफॉर्मो के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में प्रस्तुत ड्राइविंग लाइसेंस, पंजीकरण प्रमाण पत्र या अन्य दस्तावेज को परिवहन प्राधिकरणों द्वारा जारी प्रमाणपत्रों के बराबर माना जाएगा।

वर्जन

परिवहन विभाग द्वारा पुराने मैन्युअल डीएल के डाटा को अभी स्टोर नहीं किया गया है। लेकिन पुराने डीएल को भी वैलिड माना गया है, जिनके पास पुराना डीएल है वो उसको स्मार्ट कार्ड में कनवर्ट करा सकते हैं। पुलिस को पुराने लाइसेंस को भी मानना होगा।

फैज अहमद, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, रांची

Posted By: Inextlive