-मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के दोषी अमरमणि और मधुमणि के बेटे अमन मणि पर गोरखपुर के कॉन्ट्रैक्टर को किडनैप करने का आरोप

-भुक्तभोगी का दावा फाच्र्यूनर से पीछा कर गौतमपल्ली एरिया से असलहों के बल पर किया अगवा

-पुलिस के दबाव बनाने पर एक घंटे बाद कॉन्ट्रैक्टर को रिहा कर किडनैपर फरार

LUCKNOW:

बुधवार, रात क्.भ्0 बजे

शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसर चुका थाइसी बीच पुलिस के वायरलेस सेट चीखने लगे'कमांडचार्ली, बीटा, डेल्टा, डीपीकमांडऑल स्टेशन अलर्टसफेद रंग की लालबत्ती लगी फॉ‌र्च्यूनर नंबर यूपीभ्फ्बीएफ/078म् एक बुजुर्ग को किडनैप कर भाग रही हैयह जहां कहीं दिखे उसे रोका जाएमैसेज रिपीट इस फॉच्र्यूनर को फौरन रोका जाए सेट पर यह मैसेज पास होते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। चिनहट से लेकर निगोहां तक और बीकेटी से लेकर बंथरा तक पेट्रोलिंग कर रही पुलिस की टीमें इस गाड़ी की तलाश में जुट गई।

रात ख्.ख्7 बजे

कॉन्ट्रैक्टर के किडनैप होने की खबर मीडियाकर्मियों तक पहुंच चुकी थी। आनन-फानन में पुलिस ऑफिसर्स के नंबरों पर कॉल की जाने लगीं। हर ऑफिसर फॉ‌र्च्यूनर की तलाश की बात कहकर पल्ला झाड़ने लगा। इसी बीच खबर फैली कि कॉन्ट्रैक्टर रिहा होकर हजरतगंज कोतवाली पहुंच चुका है। मीडियाकर्मी तुरंत वहां पहुंचे लेकिन, वहां सन्नाटा पसरा मिला। तब तक किडनैप हुए बुजुर्ग की बहू का मोबाइल नंबर मिल गया। उसे कॉल कर जानकारी मांगी गई। लेकिन, वह कुछ भी बता पाने की स्थिति में नहीं थी।

रात फ् बजे

इस बार प्रियंका को कॉल करने पर पता चला कि उसके ससुर को किडनैपर्स ने वीवीआईपी गेस्ट हाउस के सामने रिहा कर दिया है। फिलहाल वह कैंट कोतवाली में मौजूद है। प्रियंका से कॉन्ट्रैक्टर का नंबर लिया गया। काफी देर बाद कॉल कनेक्ट हुई। बातचीत में भुक्तभोगी ने बताया कि उसने वाइफ की सेहत को देखते हुए पुलिस को लिखकर दे दिया है कि वह कोई कार्रवाई नहीं चाहता।

सुबह ब् बजे

कॉन्ट्रैक्टर वीवीआईपी गेस्ट हाउस पहुंचा। इसी बीच उनके सेलफोन बड़े बेटे अनुराग की कॉल आई। अनुराग ने उन्हें एफआईआर दर्ज कराने को कहा। जिसके बाद बुजुर्ग ने एसएसपी को फिर से कॉल कर एफआईआर दर्ज कराने की गुजारिश की। एसएसपी ने उन्हें कैंट कोतवाली जाकर एफआईआर दर्ज करवाने को कहा। जिसके बाद वह कैंट कोतवाली पहुंचे और आपबीती लिखते हुए पुलिस को तहरीर दी और वाइफ को लेकर दिल्ली रवाना हो गए।

शाम 7.क्भ् बजे

कैंट पुलिस दिनभर मामले की जांच करने की बात करती रही। आखिरकार शाम को पुलिस ने किडनैपिंग, मारपीट, गालीगलौज और धमकी देने की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली। चूंकि घटनास्थल गौतमपल्ली एरिया में आता है, इसलिए मामला गौतमपल्ली थाने को ट्रांसफर कर दिया गया।

इलाज कराने दिल्ली जा रहे थे

गोरखपुर के अदियारी बाग उत्तरी निवासी ऋषि कुमार पांडेय गोरखपुर नगर निगम में कॉन्ट्रैक्टर हैं। उनकी वाइफ शीला को फेफड़ों की बीमारी है। वे मंगलवार को शीला का एम्स में इलाज कराने के लिये गोरखपुर से दिल्ली जाने के लिये अपनी स्कॉर्पियो (यूपीभ्फ्एएस/008भ्) से निकले। गाड़ी में उनके व वाइफ शीला के अलावा बहू प्रियंका, उसकी दो बेटियां यशी और युवी तथा ड्राइवर प्रताप भारद्वाज मौजूद थे। ऋषि कुमार पांडेय के मुताबिक, रात करीब क्.भ्0 बजे वे फैजाबाद रोड से कानपुर रोड की ओर जाने के लिये लोहिया पथ में दाखिल हुए।

शुरू हो गया पीछा

कुछ दूर चलने पर ही एक फॉच्र्यूनर और एक बोलेरो ने उनका पीछा शुरू कर दिया। शुरुआत में उन्होंने इसे नजरंदाज किया लेकिन राजीव चौक के पास उन्हें शक हुआ। उन्होंने ड्राइवर प्रताप भारद्वाज को गाड़ी की रफ्तार बढ़ाने को कहा। स्कॉर्पियो की रफ्तार बढ़ते ही पीछा कर रही गाडि़यों की भी रफ्तार बढ़ गई। हड़बड़ी और अनजाने में प्रताप ने स्कॉर्पियो लालबत्ती चौराहे से बाएं कताई वाले पुलिस की ओर मोड़ने के बजाए सीधे बसपा मुख्यालय की ओर बढ़ा दी। आगे पुल के निर्माणाधीन होने की वजह से रास्ता बंद था और उसे स्कॉर्पियो रोकनी पड़ी।

लगा दी पिस्टल

जब तक प्रताप स्कॉर्पियो को वापस मोड़ता पीछा कर रही फॉच्र्यूनर और बोलेरो भी वहां आ पहुंची। इसी बीच फॉच्र्यूनर से तीन लोग नीचे उतरे। ऋषि के मुताबिक, उन लोगों में मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे अमर मणि त्रिपाठी का बेटा अमनमणि त्रिपाठी, उसका साथी रवि और एक अज्ञात युवक शामिल था। अमनमणि और रवि के हाथ में पिस्टल थी। ऋषि के मुताबिक, उन लोगों ने उन्हें पिस्टल लगा दी और जान से मारने की धमकी देते हुए गाड़ी से नीचे खींच लिया। अभी ऋषि कुछ समझ पाते इससे पहले ही अमनमणि और उसके साथी उन्हें अपनी फॉच्र्यूनर में जबरन बिठाने लगे।

ड्राइवर की कर दी पिटाई

ऋषि के साथ जबरदस्ती होती देख ड्राइवर प्रताप नीचे उतरा और उन लोगों से भिड़ गया। जिस पर अमन और उसके साथियों ने प्रताप की जमकर पिटाई कर दी। प्रताप ने बताया कि अमन मणि ने उससे कहा कि वह फौरन बीमार शीला को लेकर पीजीआई चला जाए। असलहे और धमकी से डरकर प्रताप स्कॉर्पियो लेकर पीजीआई की ओर चल पड़ा। जबकि, अमनमणि और उसके साथी ऋषि कुमार को किडनैप कर राजीव चौक की ओर चल पड़े। ऋषि के मुताबिक, वे लोग उन्हें डीजीपी मुख्यालय होते हुए लॉरेंस टेरेस स्थित अपने घर ले गए। जहां उन लोगों ने उन्हें धमकाया और एक लाख रुपये की मांग की।

बहू ने पुलिस कंट्रोल रूम को दी सूचना

पीजीआई की ओर चलते ही बहू प्रियंका ने फौरन पुलिस कंट्रोल रूम क्00 को कॉल कर गाड़ी नंबर बताते हुए ससुर की किडनैपिंग की इंफॉर्मेशन दी। इंफॉर्मेशन मिलते ही पुलिस ऑफिसर्स के फोन घनघनाने लगे और वायरलेस सेट चीखने लगे। करीब एक घंटे तक चले हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद आरोपी ऋषि को वीवीआईपी गेस्ट हाउस के बाहर छोड़कर भाग निकले। इसी बीच वहां पहुंचे दो बाइकसवार पुलिसकर्मी ऋषि को लेकर कैंट कोतवाली पहुंचे। जहां उन्होंने अमनमणि त्रिपाठी, रवि और एक अन्य अज्ञात शख्स के खिलाफ तहरीर दी।

वाइफ की हालत देख आए बैकफुट पर

ऋषि कुमार पांडेय ने बताया कि उनकी वाइफ की हालत बेहद सीरियस है और उनके ऑक्सीजन लगी हुई है। वह उन्हें जल्द से जल्द लेकर दिल्ली जाना चाहते हैं। कैंट कोतवाली पहुंचने पर उन्होंने पहले समय जाया होने की आशंका में पुलिस को लिखकर दे दिया कि आरोपी अमनमणि उन्हें बातचीत के लिये अपने साथ ले गए थे और उन्हें कोई कार्रवाई नहीं करनी। ऋषि ने बताया कि कोतवाली से वापस लौटने के बाद उनके बेटे अनुराग ने उन्हें फोन कर एफआईआर दर्ज कराने को कहा। जिसके बाद उन्होंने एसएसपी को कॉल कर एफआईआर दर्ज कराने की गुजारिश की।

बहू की चतुराई से छूटे

आरोपियों के धमकाने के बाद पीजीआई की ओर जाने के दौरान ऋषि की बहू प्रियंका ने पुलिस कंट्रोल रूम को घटना की इंफॉर्मेशन दी। पुलिस उस फॉच्र्यूनर की तलाश में जुट गई। प्रियंका के मुताबिक, इसी दौरान रास्ते में उसे एक सब इंस्पेक्टर खड़ा दिखाई दिया। उसने फौरन उसे पूरी बात बताई। प्रियंका ने बताया कि उस सब इंस्पेक्टर ने उसके मोबाइल से ससुर ऋषि के मोबाइल पर कॉल किया। कॉल को अमनमणि ने रिसीव किया। कॉल रिसीव होते ही सब इंस्पेक्टर ने उसे बताया कि पूरे शहर की पुलिस उसकी तलाश कर रही है, लिहाजा वह बुजुर्ग को सकुशल रिहा कर दे। इसके बाद ऋषि को रिहा कर दिया गया।

चुनावी रंजिश में किडनैप करने का आरोप

ऋषि कुमार पांडेय ने बताया कि वे लोग पहले अमरमणि त्रिपाठी और उनके बेटे अमनमणि त्रिपाठी को चुनाव लड़ाते थे। पर, इस बार के लोकसभा चुनाव में अखिलेश सिंह को समाजवादी पार्टी से टिकट मिला। जिसके बाद उन लोगों ने चुनाव में अखिलेश का समर्थन किया। उन्होंने बताया कि अमनमणि और अखिलेश सिंह विरोधी थे। जिस वजह से अमनमणि उन लोगों से रंजिश मानने लगे।

ऋषि कुमार पांडेय की तहरीर पर अमन मणि त्रिपाठी, रवि और एक अज्ञात युवक के खिलाफ मारपीट, किडनैपिंग, धमकाने और गालीगलौज की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर मामला गौतमपल्ली थाने को ट्रांसफर किया जा रहा है।

मो। जहीर खां

एसओ कैंट

Posted By: Inextlive