पुरानी पेंशन बहाली को लेकर राज्य कर्मचारियों और शासन के बीच वार्ता बेनतीजा रही।


lucknow@inext.co.inLUCKNOW: अधिकारी कोई ऐसा फार्मूला नहीं पेश कर सके जो 25 अक्टूबर से प्रस्तावित हड़ताल रोकने के लिए कारगर साबित होता। वहीं सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के भी हड़ताल में शामिल होने के एलान से संकट गहरा गया है। सचिवालय संघ द्वारा मंगलवार को सभी संगठनों की बैठक में हड़ताल में शामिल होने का निर्णय लिया गया। अब शासन के पास हड़ताल रोकने का केवल एक दिन बचा है। बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ से कर्मचारी नेताओं की वार्ता संभावित है। कर्मचारी नेताओं को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री के स्तर पर पुरानी पेंशन बहाली से लेकर हड़ताल रोकने तक का कोई रास्ता निकल आएगा। नहीं संतुष्ट हुए कर्मचारी नेता
मंगलवार को इस बाबत बैठक में मौजूद पेंशन निदेशक ने भी कर्मचारी नेताओं को नई पेंशन नीति में हित सुरक्षित रहने का भरोसा दिलाने का प्रयास किया, लेकिन कर्मचारी, शिक्षक व अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के नेता इससे संतुष्ट नहीं हुए। बैठक में अधिकारियों ने इससे ज्यादा कुछ कह पाने में असमर्थता जताई तो कर्मचारी नेता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंच गए हालांकि उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि बुधवार को फिर शासन के वरिष्ठ अधिकारियों से हड़ताल को लेकर वार्ता तय हुई है। मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की संभावना है। वहीं मंच के अध्यक्ष डॉ। दिनेश चंद शर्मा ने बताया कि बातचीत के जरिए रास्ता निकालने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैैं। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव, राज्यसभा के पूर्व महासचिव और संयुक्त पेंशनर्स समन्वय समिति के संरक्षक योगेंद्र नारायण ने भी हड़ताल का समर्थन किया है।अच्छा वेतन व पेंशन देने में यूपी आगे, जानें कैसे

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Posted By: Shweta Mishra