टोक्यो ओलंपिक की शुरुआत होने में बस तीन दिन बचे हैं। इस बार भारत की तरफ से पदक के कई दावेदार हैं। इसमें एक नाम सानिया मिर्जा का भी है। सानिया ने आज तक ओलंपिक मेडल नहीं जीता है। वह रिकाॅर्ड चौथी बार ओलंपिक में हिस्सा लेने जा रही हैं।

नई दिल्ली (आईएएनएस)। भारतीय महिला टेनिस स्टार सानिया मिर्जा का अभी तक का करियर बेहद शानदार है। उन्हें डबल्स का स्पेशलिस्ट कहा जाता है, सानिया ने 2015 में विंबलडन और यूएस ओपन में महिला युगल खिताब और 2016 में ऑस्ट्रेलियन ओपन जीता है। वहीं मिक्स्ड डबल में, उनका रिकॉर्ड भी उतना ही अच्छा है। 2009 विंबलडन, 2012 फ्रेंच ओपन और 2014 यूएस ओपन उन्होंने अपने नाम किया है। 2014 और 2015 में वह लगातार डब्ल्यूटीए फाइनल में रहीं।

सिर्फ ओलंपिक मेडल नहीं जीता
सानिया ने 2010 राष्ट्रमंडल खेलों और 2014 एशियाई खेलों में महिला डबल में भी कांस्य पदक भी हासिल किया है। मिक्स्ड डबल में, उन्होंने 2006 और 2014 के एशियन गेम्स में सिल्वर के साथ-साथ 2010 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। लेकिन उनकी ट्रॉफी कैबिनेट से एक बड़ी चीज गायब है, वह है ओलंपिक मेडल। 34 वर्षीय खिलाड़ी सानिया इसी लक्ष्य को पूरा करने टोक्यो गई हैं।

2016 में जीतते-जीतते रह गईं
सानिया ने 2016 के रियो ओलंपिक में लगभग मेडल अपने नाम कर लिया था। वह पदक सुनिश्चित होने से कुछ ही अंक दूर थी। लेकिन वह और रोहन बोपन्ना मिक्स्ड डबल के सेमीफाइनल में वीनस विलियम्स और राजीव राम की अमेरिकी जोड़ी से 6-2, 2-6, 3-10 से हार गईं। इसके बाद ब्रांज मेडल के मैच में सानिया और बोपन्ना चेक गणराज्य के राडेक स्टेपानेक और लूसी हरडेका से 1-6, 5-7 से हार गए। इतने करीब, पहुंचकर भी सानिया ओलंपिक मेडल से दूर रह गई।

मां बनने के बाद की वापसी
रियो से टोक्यो तक का सफर सानिया के लिए रोलर-कोस्टर रहा है। 2017 में घुटने की चोट मैटेरनिटी लीव में बदल गई। 2018 के अंत में, सानिया ने पेशेवर सर्किट में फिर से वापसी करने के संकेत दिए। वह जनवरी 2020 में होबार्ट इंटरनेशनल के दौरे पर लौटीं। नादिया किचेनोक के साथ, सानिया ने फाइनल में दूसरी वरीयता प्राप्त पेंग शुआई / झांग शुआई को हराकर, वापसी पर अपना पहला टूर्नामेंट जीता। काॅफ इंजरी के कारण उन्हें ऑस्ट्रेलियन ओपन के पहले दौर में वापस जाना पड़ा था।

वुमेंस डबल में लेंगी हिस्सा
ओलंपिक से पहले सानिया ने छह टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था। बीच में, महामारी के कारण हुए लॉकडाउन ने उन्हें घर पर समय बिताने के लिए मजबूर किया। 2021 में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन COVID-19 से उबरने के दो महीने बाद आया, जब मार्च में WTA कतर ओपन में वह सेमीफाइनल में पहुंची। हाल ही में सानिया ने विकिंग इंटरनेशनल और विंबलडन में क्रमश: 16 और 32 के दौर में हार का सामना किया। नौ की अपनी संरक्षित रैंकिंग के साथ, सानिया ने टोक्यो ओलंपिक में महिला डबल स्पर्धा में सीधे प्रवेश प्राप्त किया था। टोक्यो में, वह अंकिता रैना के साथ जोड़ी बनाएंगी, और उन्हें उम्मीद होगी कि इस बार पदक का सूखा खत्म किया जाए। अंकिता और सानिया ने फेड कप में दो बार साथ में खेला है और हर बार जीत हासिल की।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari