अभी तक सऊदी अरब अकेला ऐसा देश है जो अपने यहाँ से किसी महिला खिलाड़ी को लंदन ओलंपिक में भाग लेने के लिए नहीं भेज रहा.

अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष जैक्स रोग ने आशा जताई है कि खेलों के आरंभ होने तक सऊदी अरब की महिला खिलाड़ी भी खेलों में भाग ले रही होंगीं। संघ ने काफी बातचीत के बाद दो अन्य इस्लामी राष्ट्रों कतर और ब्रुनाई को भी अपने देश से महिला खिलाड़ियों को भेजने के लिए मना लिया है।

ओलंपिक संघ और सऊदी अरब लंबे समय से इस बारे में बातचीत कर रहे हैं लेकिन सऊदी अरब अभी तक इस बात के लिए राजी नहीं हुआ है। ओलंपिक में महिलाओं को ना भेजने पर साउदी अरब के खिलाफ कई तरह के प्रतिबंध लाए जा सकते हैं जिनमे अंतिम है खेलों में सऊदी अरब के किसी खिलाड़ी को भाग लेने की अनुमति ना देना।

धार्मिक मान्यताएं

लेकिन संघ सऊदी अरब की महिलाओं को शामिल करने के लिए अपने मापदंडों में कुछ छूट भी देने के लिए तैयार है। पर सऊदी अरब की सरकार में शामिल कट्टरपंथी लोग अपने देश की महिलाओं को ओलंपिक में भाग लेने देने के लिए कतई राजी नहीं हैं। उनका मानना है कि इसकी वजह से परदे को लेकर उनकी धार्मिक मान्यताओं को ठेस पहुंचेगी।

पिछले महीने लंबे मोलतोल के बाद साउदी अरब के राष्ट्रिय ओलंपिक संघ ने महिलाओं को खेलने की इजाजत देने से तो इंकार कर दिया था। लेकिन साउदी संघ ने यह जरूर कहा था कि अगर उनके देश की कुछ महिलाएं किसी निरपेक्ष झंडे के नीचे खेलना चाहती हों तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।

जैक्स रोग का कहना है कि उन्हें यह प्रस्ताव मंज़ूर नहीं है,"सऊदी महिलाएं अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ के या किसी और के झंडे के नीचे खेलें यह ठीक नहीं है। यह कोई आसान रास्ता नहीं है लेकिन हाँ रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे हैं."

साउदी अरब के अलावा कतर और ब्रुनाई पहली बार अपने देश से महिला खिलाड़ियों को भेजेंगे। नूर अल मेंनाई, जो वर्ष 2020 के ओलंपिक को दोहा में आयोजित करने के लिए काम कर रहे हैं उन्होंने ने भी सऊदी अरब से आग्रह किया है कि वो अपने देश से महिला खिलाड़ियों को ओलंपिक खेलों में भाग लेने के लिए भेजें।

Posted By: Inextlive