दो दिवसीय कथक समारोह विरासत का आगाज

LUCKNOW: कथक के शास्त्रीय पक्षों को देखकर हर कोई आनंदित हो गया। पांरपरिक कथक से लेकर फ्यूजन तक का सफर दर्शकों को खूब भाया। राष्ट्रीय कथक संस्थान की ओर से आयोजित दो दिवसीय कथक समारोह 'विरासत' के पहले दिन कथक प्रस्तुति में पारम्परिक कथक आमद, तोड़े, ताल को देख लोग मंत्रमुग्ध हो गई। कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति 'नृत्यो नम:' में कथक की पावनता, खूबसूरत अंग सौष्ठव एवं बेहतरीन नृत्य कौशल देखने को मिला। संगीत नाटक अकादमी के संत गाडगे प्रेक्षागृह में बुधवार को कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

नृत्यो नम: से आगाज

कथक के रंगों से सजी शाम की शुरुआत 'गायत्री मंत्र' से हुई। जिसमें राष्ट्रीय कथक संस्थान की छात्राओं ने गायत्री मंत्र के स्वरों को झपताल में पिरोते हुए कथक नृत्य के परंपरागत रूप को सुंदर आमद, थाट, परन, चक्करदार टुकड़े, तिहाई इत्यादि को मनमोहक, आकर्षक, सशक्त एवं नवीनतम रूप में पेश किया। इसके बाद कथक माला के अगले चरण में धमार में 14 मात्रा में निबद्ध व 'सरगम' की प्रस्तुति ने लोगों का दिल जीत लिया। नृत्य कलाकारों में आकृति, काव्या, देवांशी, शैली, उपासना श्रीवास्तव, खुशी, सुमति, आदि ने सरिता श्रीवास्तव की परिकल्पना में अपनी प्रस्तुति दी।

कलर्स ऑफ कथक

कथक समारोह विरासत की दूसरी प्रस्तुति में दिल्ली की कथक नृत्यांगना अदिति एंड ग्रुप ने अपनी प्रस्तुति दी। अपनी पहली प्रस्तुति में कलाकारों ने क्लासिक कथक के रंग बिखेरे। तो वहीं अगली प्रस्तुति में कथक पर आधारित कंटेम्परेरी डांस ने सबका दिल जीत लिया। कथक की इस प्रस्तुति में कथक फ्यूजन ने लोगों को नए कथक के रंगों से रूबरू करवाया। नृत्य कलाकारों में अदिति, गौरी, मिनहाज, सनी, मनोज ने अपने कथक से लोगों की खूब वाहवाही बंटोरी। संगतकर्ता पर तबले पर मोहित, पखावज पर आशीष, हारमोनियम व वोकल पर फराज अहमद ने संगत की।

Posted By: Inextlive