पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी को आज 45 साल पूरे हो गए। इस मौके पर गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में आज भी वही मानसिकता है।

नई दिल्ली (पीटीआई)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कांग्रेस पर हमला बोला। शाह का कहना है कि, कांग्रेस के लिए आज भी देश से बड़ा परिवार है। शाह ने यह बात इंदिरा गांधी के इमरजेंसी लगाने के 45 बरस पूरे होने पर कही। साथ ही शाह ने सवाल किया कि विपक्षी दल में अभी भी 'आपातकाल की मानसिकता' क्यों बनी हुई है? यही नहीं उन्होंने दावा किया कि, कांग्रेस में नेताओं को घुटन महसूस हो रही है और लोगों का पार्टी के साथ मोह भंग हो रहा है।

On this day, 45 years ago one family&यs greed for power led to the imposition of the Emergency. Overnight the nation was turned into a prison. The press, courts, free speech...all were trampled over. Atrocities were committed on the poor and downtrodden.

— Amit Shah (@AmitShah) June 25, 2020


सत्ता के लालच ने आपातकाल लगाया
अमित शाह ने ट्वीट करके कहा, 'इस दिन, 45 साल पहले सत्ता के लिए एक परिवार के लालच ने आपातकाल लगाया था। रातों रात राष्ट्र को जेल में बदल दिया गया था। प्रेस, अदालतें, मुफ्त भाषण ... सभी को रौंद दिया गया। गरीब और दलित पर अत्याचार किए गए।' बता दें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून, 1975 को आपातकाल लगाया था और यह 21 मार्च, 1977 तक जारी रहा। गृह मंत्री ने कहा कि लाखों लोगों के प्रयासों के कारण, आपातकाल हटा तो लिया गया था और भारत में लोकतंत्र बहाल हुआ लेकिन ये मानसिकता कांग्रेस पार्टी से खत्म नहीं हो पाई। उन्होंने कहा, "एक परिवार का हित पार्टी के हितों और राष्ट्रीय हितों पर हावी रहा। यह खेदजनक स्थिति आज की कांग्रेस में भी पनपती है!"

Due to efforts of lakhs of people, the Emergency was lifted. Democracy was restored in India but it remained absent in the Congress. The interests of one family prevailed over party interests and national interests. This sorry state of affairs thrives in today&यs Congress too!

— Amit Shah (@AmitShah) June 25, 2020


कांग्रेस में नेताओं को हो रही घुटन
हाल ही में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक का उल्लेख करते हुए, शाह ने कहा कि वरिष्ठ और युवा सदस्यों ने कुछ मुद्दों को उठाया, लेकिन, उनकी आवाज दबा दी गई। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता को बिना सोचे-समझे बर्खास्त कर दिया गया और दुखद सच यह है कि नेताओं को कांग्रेस में घुटन महसूस हो रही थी। शाह ने कहा, 'भारत के विपक्षी दलों में से एक के रूप में, कांग्रेस को खुद से पूछने की आवश्यकता है। उनके अंदर आपातकाल मानसिकता क्यों बनी हुई है? कांग्रेस में नेताओं को निराशा क्यों हो रही है?"

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari