कुंभ के लिए पर्यटन विभाग की ओर से त्रिवेणी दर्शन के बगल में बनवाया जा रहा था हैलीपैड

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ALLAHABAD: रोप-वे प्रोजेक्ट को पीपीपी मॉडल में विकसित करने को कोई तैयार नहीं हुआ तो हेलीपैड पर संतों की आपत्ति से ग्रहण लग गया है। वह भी तब जबकि सरकार ने प्रोजेक्ट को ओके करके पहली किश्त का पैसा रिलीज कर दिया और टूरिज्म डिपार्टमेंट ने इसके आधार पर पीडब्लूडी को टेंडर जारी कर दिया। पूरी दुनिया में कुंभ में ब्रांडिंग करने की तैयारी कर रही सरकार से उम्मीद लगाए शहर के लोगों को यह दूसरा झटका लगा है। कुंभ कलश प्रोजेक्ट भी फाइलों में कैद हो चुका है।

अमित शाह ने मांगा सहयोग, संतों ने दिखाया ठेंगा

2019 में संगम तट पर लगने वाले कुंभ को दिव्य और भव्य बनाने की तैयारी में केन्द्र और प्रदेश सरकार लगी हुई है। कुंभ के पहले शहर को बिल्कुल नया लुक दे देने के लिए हजारों करोड़ का बजट भी आवंटित किया गया। कुंभ के कार्यो की निगरानी के लिए इंटरनल के साथ एक्सटर्नल कमेटी बनायी गयी है। मुंख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद यहां दो राउंड लगा चुके हैं। इसी महीने उनके दो बार यहां आने की संभावना जतायी जा रही है। गुरु पूर्णिमा के दिन 27 जुलाई को इसी को ध्यान में रखते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इलाहाबाद का दौरा किया। संतो के साथ वक्त बिताया। मौज गिरी घाट का इनॉगरेशन किया। ध्यान केन्द्र का शिलान्यास किया। बाघम्बरी गद्दी मठ में संतो के साथ भोजन किया और उनसे कुंभ को दिव्य बनाने में सहयोग मांगा। इसके दो दिन बाद ही दिन यह लकड़ी आ गयी और संतों ने ध्यान केन्द्र के बगल में बगल में प्रस्तावित हेलीपैड पर आपत्ति जता दी। नतीजा काम रोक दिया गया।

प्रस्ताव को ऐसे मिली थी हरी झंडी

क्षेत्रीय पर्यटन विभाग ने कुंभ से पहले त्रिवेणी दर्शन के बगल में स्थित तीन एकड़ जमीन पर हैलीपैड बनाने का प्रस्ताव पिछले वर्ष अक्टूबर में मुख्यालय लखनऊ भेजा

अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में प्रस्ताव को सैद्धांतिक सहमति मिलने के बाद मुम्बई की पवनहंस कंपनी ने नवम्बर के पहले सप्ताह में जमीन का सर्वे किया

सर्वे के बाद ढाई एकड़ जमीन हैलीपैड बनाने के लिए चिन्हित की गयी

मई के पहले सप्ताह में पीडब्लूडी के अधिकारी जमीन देखने पहुंचे तो जूना अखाड़ा के संतों ने हैलीपैड बनाने का विरोध किया

संत महात्माओं के विरोध को देखते हुए तब हैलीपैड का निर्माण शुरू नहीं कराया गया

इस लिए संतों को है आपत्ति

कुंभ मेला में देश व विदेश से हजारों की संख्या में आने वाले संत महात्माओं को जूना अखाड़ा की जमीन के पास वाहन पार्किंग में परेशानी होगी

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने गुरू पूर्णिमा के दिन अखाड़े की जमीन पर 'ध्यान' केन्द्र का शिलान्यास किया था

इस ध्यान केंद्र में संत-महात्मा ध्यान साधना करेंगे, ऐसे में यहां हैलीपैड बनने से संत महात्माओं की साधना भंग हो सकती है

त्रिवेणी दर्शन की जिस ढाई एकड़ जमीन पर स्थाई हैलीपैड बनाया जाएगा उससे हमेशा के लिए मौज गिरि मंदिर में पूजन-अर्चन के लिए संतों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा

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मार्च को हेलीपैड निर्माण के लिए शासन से पांच करोड़ की स्वीकृत मिली

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अप्रैल को पीडब्ल्यूडी को हैलीपैड निर्माण की सौंपी गई जिम्मेदारी

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करोड़ रुपये के काम को लगा झटका

2018

में ही बनकर तैयार हो जाना था हेलीपैड

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करोड़ का रोपवे प्रोजेक्ट भी रह गया फाइलों में

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करोड़ का कुंभ कलश प्रोजेक्ट भी तोड़ चुका है दम

यह कोई विवाद का विषय नहीं है। कुंभ मेला के दौरान ध्यान साधना और मौज गिरि मंदिर में हर वक्त पूजन-अर्चन का सिलसिला चलता रहेगा। मेला के दौरान हजारों महात्मा यहां आएंगे, हम उनकी गाडि़यों की पार्किंग कहां कराएंगे। हमें इन्हीं समस्याओं पर आपत्ति थी। इसलिए वहां हैलीपैड बनाने का कोई औचित्य नहीं दिखाई दे रहा है।

महंत हरी गिरि,

महामंत्री, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद

कुंभ मेला से पहले संगम क्षेत्र की हवाई सैर कराने को लेकर हैलीपैड बनाया जाना है। बजट मिलते ही इसका निर्माण कराने की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी को सौंपी गई थी। जूना अखाड़े के संत-महात्माओं ने आपत्ति की तो निर्माण कार्य रोक दिया गया। इसकी जानकारी प्रमुख सचिव पर्यटन अवनीश अवस्थी को दी गई है।

अनुपम श्रीवास्तव,

क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी

Posted By: Inextlive