कपिल देव की अगुआई में भारतीय क्रिकेट टीम ने आज ही के दिन पहला विश्वकप अपने नाम किया था। 1983 में टीम इंडिया जब इंग्लैंड खेलने जा रही थी तो किसी ने भारत के विश्व चैंपियन बनने की उम्मीद नहीं लगाई थी। मगर भारत ने खिताब कैसे अपने नाम किया इस बात का खुलासा विनिंग टीम के सदस्य रवि शास्त्री ने किया है।

नई दिल्ली (एएनआई)। भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा कि वेस्टइंडीज के खिलाफ कपिल देव की अगुवाई वाले 1983 विश्व कप जीत ने देश में खेल की नींव रखी और खेल का चेहरा हमेशा के लिए बदल दिया। उस वक्त कोई भी भारतीय टीम को दावेदार नहीं मानता था। टीम में कुछ कम अनुभवी खिलाड़ी थे, जिनके सहारे विश्वकप जीतना भारतीयों के लिए एक सपना था। मगर कपिल देव एंड टीम ने इस सपने को साकार किया और वर्ल्डकप ट्राॅफी लेकर घर लौटे। ये जीत भारत को यूं ही नहीं मिली थी, इसके पीछे एक वजह थी जिसने सभी खिलाड़ियों के हौसले को बनाए रखा।
रवि शास्त्री ने टि्वटर पर जीत का जश्न मनाया
1983 वर्ल्डकप विनिंग टीम के सदस्य रहे मौजूदा भारतीय कोच रवि शास्त्री ने टि्वटर पर जीत का जश्न मनाया। इस दौरान उन्होंने टीम इंडिया की जीत के पीछे की वजह भी उजागर की। शास्त्री का कहना है कि, हमारे अंदर एक विश्वास था जिसके चलते सपना सच हुआ। अगर विश्वास न होता, तो शायद न जीत पाते। शास्त्री ने ट्वीट में लिखा, '25 जून 1983 को, हमें विश्वास था और हम वर्ल्ड चैंपियंस बने और भारत में क्रिकेट का चेहरा बदल दिया।'

#ThisDayThatYear On 25th June in 1983, we believed and we became – World Champions and changed the face of #Cricket in #India once and for all. @therealkapildev @ICC @cricketworldcup 🇮🇳🙏 pic.twitter.com/Ixh9Lkauqm

— Ravi Shastri (@RaviShastriOfc) June 25, 2020


ऐसी है भारत की पहली विश्वकप जीत की कहानी
बताते चलें साल 1983 विश्वकप फाइनल में भारत ने लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर वेस्टइंडीज को हराकर अपना पहला क्रिकेट विश्व कप खिताब जीता। टूर्नामेंट में भारत की जीत के बाद अब 37 साल हो गए हैं। भारत के विश्व कप फाइनल में प्लेइंग इलेवन में सुनील गावस्कर, के श्रीकांत, मोहिंदर अमरनाथ, यशपाल शर्मा, एसएम पाटिल, कपिल देव (कप्तान), कीर्ति आजाद, रोजर बिन्नी, मदन लाल, सैयद किरमानी और बलविंदर संधू शामिल थे। फाइनल में, वेस्टइंडीज ने टॉस जीता और पहले गेंदबाजी करने का विकल्प चुना। भारतीय टीम 183 रन ही बना सकी।भारत के लिए, क्रिस श्रीकांत ने सबसे अधिक 38 रन बनाए, उनके अलावा कोई अन्य बल्लेबाज 30 रन के स्कोर से आगे नहीं जा सका।
कपिल देव ने उठाई वर्ल्डकप ट्राॅफी
183 का बचाव करते हुए, भारतीय गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी की। मदन लाल ने विंडीज टीम के प्रमुख बल्लेबाज विवियन रिचर्ड्स (33) को आउट कर विंडीज को 57/3 पर रोक दिया। इसके बाद थोड़े-थोड़े अंतराल पर विकेट गिरते गए। मोहिंदर अमरनाथ ने माइकल होल्डिंग का अंतिम विकेट लेकर भारत को पहली बार विश्व कप का खिताब दिलाया। वेस्टइंडीज की पूरी टीम 140 रनों पर ऑल आउट हो गई और भारत ने 43 रनों से मैच जीत लिया। मोहिंदर अमरनाथ को मैन ऑफ द मैच चुना गया क्योंकि उन्होंने 26 रन बनाए और तीन विकेट भी लिए।

#OnThisDay in 1983, India won their maiden Men's @cricketworldcup title 🏆
Kapil Dev and his side stunned defending champions West Indies, beating them by 43 runs in a memorable final at Lord's 🙌 pic.twitter.com/DVchvVLH5P

— ICC (@ICC) June 25, 2020


2011 में भारत दोबारा बना चैंपियन
1975 में खेले गए पहले वर्ल्डकप से लेकर टीम इंडिया ने हर बार इस टूर्नामेंट में भाग लिया। वेस्ट इंडीज ने पहले दो विश्व कप खिताब (1975, 1979) जीते थे और 1983 में उपविजेता रही थी। भारत ने 1983 और 2011 में दो बार खिताब जीता है। एमएस धोनी की कप्तानी में 2011 में 28 साल बाद भारत दूसरी बार चैंपियन बना। सबसे ज्यादा ऑस्ट्रेलिया ने पांच बार (1987, 1999, 2003, 2007 और 2015) टूर्नामेंट जीता है। 2019 में खेला गया पिछला वर्ल्डकप मेजबान इंग्लैंड के नाम रहा।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari