ALLAHABAD: हजरत इमाम हुसैन व 72 साथियों की याद में 68 दिनी मजलिस व मातम का दौर अंतिम दौर में पहुंच गया है। मंगलवार को चुप ताजिया का जुलूस निकलने के साथ ये समाप्त होगा। सोमवार को मुस्लिम बहुल इलाकों में मातमी जुलूस निकाले गए। अंजुमन हुसैनिया की ओर से इमामबाड़ा नेयाज हुसैन खां से जुलूस निकाला गया। जो दरियाबाद स्थित कब्रिस्तान पर समाप्त हुआ। रास्ते भर अकीदतमंद या हुसैन की सदाएं बुलंद करते रहे। अंजुमन हुसैनिया व अंजुमन मासूमिया के सदस्यों ने नौहा व मातम का नजराना पेश किया। जुलूस में नियाज हुसैन, अकबर अब्बास, नायाब, अनवर, रियाज अस्करी वगैरह शामिल रहे। कौमी एकता का संदेश देने निकले बच्चे किसी ने सिख समुदाय का ट्रेडिशनल ड्रेस पहन रखा था तो कोई मुस्लिम कम्युनिटी के ड्रेस में खुद को रीप्रजेंट कर रहा था। आयोजन स्थल था श्री नारायण आश्रम शिवकुटी स्थित महाप्रभु पब्लिक स्कूल एवं कालेज। दिन था सोमवार और मौका था कौमी एकता सप्ताह के तहत समाज में एका का संदेश देने का। बच्चों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां देकर सर्व धर्म समभाव का संदेश दिया। विद्यालय के हर हाउस के स्टूडेंट्स की वेशभूषा अलग थी। मकसद एक था। बच्चों के इस प्रयास को टीचर्स ने खूब सराहा और लास्ट में उन्हें इसके लिए सम्मानित भी किया गया। प्रथम स्थान पर अम्बर हाउस, द्वितीय पर वसुंधरा एवं तृतीय पर अग्नि हाउस रहे। राज्य विशेष में प्रथम पश्चिम बंगाल, द्वितीय में गोवा एवं तृतीय स्थान पर गुजरात राज्य रहे। प्रिंसिपल रविंदर बिरदी ने बच्चों से सभी धर्मो को बराबर सम्मान और आदर देने का आहवान करते हुए बच्चों की प्रस्तुतियों की खुले मन से प्रशंसा की।

Posted By: Inextlive