RANCHI : रिम्स में मंगलवार को बड़ा ही इमोशनल दृश्य दिखा। पिछले दिनों लोहरदगा में तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा में घायल नीरजराम प्रजापति अब इस दुनिया में नहीं रहे। इसको लेकर एक ओर जहां सामाजिक संगठनों के लोग प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं दूसरी ओर नीरज के परिजन थे, जिनमें सबसे बुरा हाल उनकी पत्नी का था। जो दहाड़ मारकर रो रही थी और प्रशासन से सिर्फ एक ही मांग कर रही थी कि मेरा पति मुझे लौटा दो। उनका कहना है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण मेरे पति की जान चली गई। प्रशासन मुस्तैद रहता तो यह घटना नहीं होती। इतना ही नहीं, घटना के बाद भी प्रशासन की लापरवाही ने मेरे पति की जान ले ली। सही समय पर उचित इलाज नहीं करवाया गया। नीरज की पत्नी के साथ नीरज की बहन व साला भी चिख-चिख कर प्रशासन पर हत्या का आरोप लगा रहे थे। पूरे कैंपस का माहौल बेहद गमगीन था। नीरज राम प्रजापति की मौत के बाद मंगलवार को उनके शव का पोस्टमार्टम किया गया। बता दें कि लोहरदगा में सीएए के समर्थन में बीते 23 जनवरी को रैली निकाली गई थी, जिसमें नीरज भी था। अचानक भगदड़ मच गई और कुछ लोगों ने मारपीट शुरू कर दी। इसमें नीरज राम प्रजापति समेत कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान सोमवार को नीरज की मौत हो गई थी।

पोस्टमार्टम रूम के पास जुटे लोग

इससे पहले शव को मॉच्र्यूअरी में ले जाने से पहले ही ¨हदू संगठन, राजनीतिक लोगों व लोहरदगा कांड के बाद बौखलाए लोग पोस्टमार्टम कक्ष के बाहर जमा होने लगे। परिजन व सामाजिक संगठनों के लोग मेडिकल बोर्ड के गठन के बाद ही पोस्टमार्टम कराने की मांग कर रहे थे। करीब एक घंटे की प्रक्रिया के बाद मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया। वहीं किसी तरह का बवाल न हो, इसके लिए जिला प्रशासन ने पोस्टमार्टम कक्ष के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया। इसके बाद ही शव का पोस्टमार्टम किया गया।

गुस्साए लोगों ने घंटों नारेबाजी की

इधर, पोस्टमार्टम हाउस के बाहर जमा हुए लोगों ने घंटों नारेबाजी की। नीरज प्रजापति की पत्नी ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसका पति जुलूस में शामिल हुआ था। जब वहां से लौटा तो माथे पर खून लगा था। घर में बताया कि जुलूस में लगी है। घर में वह बेहोश हो गया था। इसके बावजूद प्रशासन मामले को दबाने में लगा रहा। नीरज की बहन ने भी यही आरोप लगाया। उसके साले संतोष प्रजापति का कहना था कि प्रशासन ने सहयोग नहीं किया।

पोस्टमार्टम के दौरान प्रदर्शन

पोस्टमार्टम के दौरान आक्रोशित भीड़ ने जमकर प्रदर्शन किया। सुबह 11 बजे से ही सामाजिक लोगों व परिजनों की भीड़ इकट्ठा हो गई। लोग प्रशासन हाय, हाय और नीरज राम अमर रहे के नारे लगाते रहे। हर पांच मिनट पर पोस्टमार्टम कक्ष के बाहर प्रदर्शन तूल पकड़ता रहा। सारी प्रक्रिया के बाद शव को 3.45 बजे मोक्ष वाहन में रखा गया। परिजन मोक्ष वाहन के सामने बैठकर मुआवजे की मांग करने लगे। मौके पर ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग, सिटी एसपी सौरभ, एसडीओ लोकेश मिश्रा, सदर डीएसपी दीपक पांडेय व सिटी डीएसपी अमित कुमार सिंह ने मिलकर लोगों को समझाया। परिजनों द्वारा लिखित ज्ञापन सौंपने के बाद प्रशासन द्वारा उचित सहयोग के आश्वासन पर परिजन व सामाजिक संगठन के लोग माने।

ब्रेन में चोट से ब्लीडिंग, हुई मौत

पोस्टमार्टम के बाद एसडीओ लोकेश मिश्रा ने बताया कि सिर में चोट लगने के कारण इंटरनल ब्लीडिंग हुई। ब्लड क्लॉट कर गया था। जिस कारण ब्रेन हेमरेज से उसकी मौत हुई है। वहीं उन्होंने कहा कि मृतक के आश्रितों द्वारा एक लिखित ज्ञापन दिया गया है। जिसे प्रशासन द्वारा सीएम को सौंपा जाएगा। साथ ही कहा कि शव को लोहरदगा प्रशासन को हैंडओवर किया जाएगा। उनके द्वारा मृतक के आश्रितों को सरकारी प्रावधान के अनुरूप मुआवजा राशि मुहैया कराई जाएगी।

Posted By: Inextlive