एक किलोमीटर तक बनाया गया संगम नोज का दायरा

करीब दो लाख श्रद्धालु एक साथ लगा सकेंगे पुण्य की डुबकी

ALLAHABAD: ऐसी मान्यता है कि मोक्ष प्राप्ति के लिए इंसान संगम स्नान करता है। चाहे कुंभ हो या अ‌र्द्धकुंभ या फिर प्रतिवर्ष लगने वाला माघ मेला। इस बार तम्बुओं की नगरी में लगने वाले मेले में कल्पवासियों से लेकर दूरदराज के क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं को संगम का विहंगम का नजारा दिखाई देगा।

आठ साल बाद लौटा नजारा

स्नान पर्वो पर गंगा व यमुना की मिलन स्थली पर लगभग दो लाख लोग एक साथ स्नान कर सकेंगे। क्योंकि संगम नोज का दायरा एक किलोमीटर तक फैल गया है और उसी ओर गंगा व यमुना का मिलन भी हो रहा है। इस लिहाज से बाढ़ प्रखंड विभाग के अधिकारियों ने एक किलोमीटर तक बालू की बोरियों से घाट तैयार करा दिया है। ऐसा गंगा की कटान की वजह से हुआ है। इस वजह से 80 फीसदी मेला झूंसी की तरफ चला गया है। जहां मेला बसाया जा रहा है। संगम नोज का ऐसा नजारा 2009 में भी दिखाई दिया था।

पांच जनवरी तक छह और घाट

मेला क्षेत्र में गंगोत्री-शिवाला से ओल्ड जीटी रोड, त्रिवेणी मार्ग व काली मार्ग पर गंगा के किनारे छह घाट बनाए जाने हैं। बाढ़ प्रखंड के अधिशाषी अभियंता मनोज कुमार सिंह ने बताया कि गंगोत्री- शिवाला पाण्टून पुल के आसपास कटान की स्थिति का इंतजार किया जा रहा है। पांच जनवरी तक सभी छह घाट को तैयार कर दिया जाएगा।

संगम नोज पर ऐसी कृपा मां गंगा की वजह वर्षो बाद हो रही है। एक किलोमीटर के दायरे में घाट को बना दिया गया है। इसलिए इस बार श्रद्धालुओं को संगम स्नान करने में दिक्कत नहीं होगी।

मनोज कुमार सिंह, अधिशाषी अभियंता सिचाई विभाग बाढ़ प्रखंड

Posted By: Inextlive