- मार्केट प्राइस से कई गुना अधिक दामों पर खरीदा गया अस्पतालों में सामान

- दिसंबर 2016 में अधिकारियों ने खरीद में किया जमकर गोलमाल

- मार्केट प्राइस से कई गुना अधिक दामों पर खरीदा गया अस्पतालों में सामान

- दिसंबर ख्0क्म् में अधिकारियों ने खरीद में किया जमकर गोलमाल

sunil.yadav@inext.co.in

LUCKNOW :

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LUCKNOW :

सूबे में हुए एनआरएचएम घोटाले में भले ही तमाम डॉक्टर्स को जेल जाना पड़ा हो, लेकिन इसका कोई असर बाकियों पर नहीं पड़ा है। स्वास्थ्य विभाग में घोटालों का सिलसिला बदस्तूर जारी है। हाल ही में अधिकारियों ने कई गुने अधिक दाम पर अस्पतालों का सामान खरीदने की स्वीकृति दे दी। अस्पतालों के मॉडर्नाइजेशन के नाम पर खरीदे गए सामान मार्केट से कई गुना ज्यादा रेट पर लिए गए हैं। आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने इस बाबत जारी शासनादेशों की जब पड़ताल की तो यह चौंकाने वाले सच सामने आया।

अलग-अलग रेट्स पर खरीद

स्वास्थ्य विभाग में वित्तीय वर्ष ख्0क्भ्-क्म् में लगभग फ्म् जिलों में अस्पतालों के उच्चीकरण के नाम पर जमकर खरीदारी की गई। स्वास्थ्य विभाग की ओर से दो दिसंबर ख्0क्म् को जारी जीओ संख्या फ्क्भ्/ख्0क्म्/ख्7म्म् में सेमी लोअर बेड इपाक्सी कोटिंग साथ में साइड स्टैंड, मैट्रेस, लॉकर, अटेंडेंट बेंच का रेट 8भ् हजार दिया गया, जबकि इसी स्पेशिफिकेशन के साथ 8 नवंबर को जारी जीओ ख्87 में सेमी लोर बेड विद इपाक्सी कोटिंग, बेड साइड लॉकर और अटेंडेंट बेंच का रेट क्रमश: फ्भ् हजार, क्ख् हजार, क्भ् हजार पास किया गया। इस प्रकार से जीओ ख्87 का कंबाइंड रेट 7ख् हजार आता है। लगभग एक माह के अंतर में उसी स्पेशिफिकेशन बेड को क्फ्,000 रुपए का खरीदा गया।

एक माह में ही बढ़ा रेट

ऐसे ही भ् दिसंबर ख्0क्म् को जारी जीओ फ्क्भ्/ख्0क्म्/ख्9भ्0 और चार जनवरी ख्0क्7 को जारी जीओ ख्7/ख्0क्7/फ्7 में सेमी लोर बेड विद इपाक्सी कोटिंग विद स्लाइन स्टैंड, मैट्रस, लॉकर, अटैंडेंट बेंच और बेड साइड स्टूल को एक लाख रुपए में खरीदा गया। जबकि 8 नवंबर ख्0क्म् को जारी शासनादेश ख्87 में इसी बेड का एक समान स्पेशिफिकेशन का कंबाइंड रेट म्ख् हजार रुपए में खरीदने की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई थी। आखिर कैसे एक माह बाद ही बेड का रेट फ्8 हजार रुपए अधिक हो गया। जबकि-केरल के हेल्थ डिपार्टमेंट ने इसी स्पेशिफिकेशन का बेड फ्8,800 रुपए में खरीदा गया है।

क्फ्,म्00 का सामान डेढ़ लाख में

ऐसे ही पल्स ऑक्सीमीटर को जीओ फ्क्8/ख्0क्म् में क्,भ्0,000 रुपए, ख्ख्7/ख्0क्म् में दो लाख, ख्8म्/ख्0क्म् में 90 हजार कोट किया गया। जबकि सीएमएसडी से क्भ् दिसंबर ख्0क्म् को जारी टेंडर नंबर 887 में पल्स ऑक्सीमीटर के रेट फ्0 हजार हैं। इसी सामान को सीएमएस आजमगढ़ ने क्.7भ् लाख, सीएमएस फिरोजाबाद ने ब्7,भ्00 रुपए और सीएमएस ज्वॉइंट अस्पताल साढ़ामऊ लखनऊ ने ब्ब् हजार में खरीदा। जबकि यही सामान गुजरात के हेल्थ डिपार्टमेंट ने समान स्पेशिफिकेशन के साथ क्फ्,म्00 रुपए में खरीदा।

बाक्स

कुछ ऐसे हुई लूट

शासन ने पांच दिसंबर ख्0क्म् को एक तारीख में तीन तीन अलग अलग हॉस्पिटल्स के लिए तीन जीओ जारी किए। जिसमें एक ही स्पेशिफिकेशन के सामान खरीदने की अनुमति दी गई,लेकिन सभी के रेट अलग अलग थे। जिससे घोटाले का शक पैदा होता है।

-आइटम--जीओ फ्क्7/ख्0क्म्/ख्म्क्9--जीओ फ्क्8/ख्0क्म्/ख्9फ्म्--जीओफ्ख्7/ख्0क्म्/ख्9ब्भ्

बेड साइड लॉकर इपाक्सी कोटिंग सुपीरियर क्वॉलिटी -क्भ् हजार--क्ख् हजार--9 हजार

- फूट स्टेट इपाक्सी कोटिंग--ब् हजार--क्ब् हजार--

- ड्रेसिंग ट्रॉली इपाक्सी कोटिंग सुपीरियर क्वॉलिटी- फ्भ् हजार--फ्भ् हजार--ख्भ् हजार

आईसीसीयू का एक बेड अलग-अलग रेट पर

- सीएमएस आजमगढ़ ने भ्ब्,फ्भ्0 रुपए

- अंबेडकर नगर सीएमएस ने ब्फ्,000

- सीएमएस फिरोजाबाद ने 8म्,709 रुपए

- सीएमएस संयुक्त चिकित्सालय साढ़ामऊ लखनऊ (ख्0क्ब्) ने फ्9,भ्00 रुपए

- केरल के हेल्थ डिपार्टमेंट ने फ्8,800 रुपए में

- केरल और यूपी में खरीदे गए बेड का स्पेशिफिकेशन एक समान है।

Posted By: Inextlive