तबाही को तैयार बैठा एक और बांध
- गहासाड़ कोलिया बांध की हालत बेहद खराब
- विभाग रो रहा केवल बजट का रोना JUNGLE KAUDIYA: बांधों को लेकर प्रदेश के सिंचाई मंत्री चाहे जो भी दावा करें लेकिन सच्चाई इसके ठीक विपरीत है। राप्ती नदी के गहासाड़ कोलिया बांध की हालत इसका प्रमाण है। लंबे समय से मरम्मत ना होने के चलते बांध बेहद जर्जर हो चुका है। ऐसे में अगर इस बार बरसात में राप्ती का जलस्तर बढ़ा तो दर्जन भर गांवों में भयानक जबाही आ सकती है। जर्जर हो चुका है बांधगहासाड़ कोलिया बांध की लंबाई 11.2 किलोमीटर है। वर्तमान में पूरे बांध पर अनगिनत गढ्डे और रेनकट हो गए हैं। साथ ही कई जगहों पर तो बांध को आर-पार काट कर रास्ता तक बना दिया गया है। वो तो गनीमत है कि कई साल से राप्ती में बाढ़ नहीं आ रही है, वरना यह बांध एक मिनट भी नदी की धार को रोक नहीं पाता। वहीं, जिम्मेदार विभाग बस धन की कमी का रोना रोने में लगा है। यही कारण है कि संबंधित अधिकारी हर बार कटान का निरीक्षण करके वापस चले आते हैं। बांध के अन्य हिस्सों को देखने की जहमत तक नहीं उठाई जाती।
ये गांव हो सकते हैं प्रभावितगहासाड़ कोलिया बांध अगर टूटा तो इससे सटे मुहम्मदपुर माफी, जमुआड़, खरबुजहवा, उतरासोत, बेला, जगतबेला, मझिगांवा, मंझरिया, टिकरिया, घुनघुन, कोठा, गोविंदपुर और कोलिया गांव में भीषण तबाही होगी।
मरम्मत के लिए धन की व्यवस्था करने के लिए प्रस्ताव जिलाधिकारी को भेजा गया है। बजट आने पर ही कुछ हो सकता है। - सुनील वर्मा, अधिशासी अभियंता, ड्रेनेज खंड, गोरखपुर